प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 27 मई 2025
छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण को लेकर एक तरफ सरकार लगातार अपना पक्ष रख रही है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ शिक्षक संगठन लामबंद हो रहे हैं । ऐसे में शिक्षा विभाग के सचिव ने स्कूलों के युक्तिकरण संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं । पहले चरण में आज स्कूल शिक्षा विभाग ने 10463 शालाओं का युक्तिकरण कर दिया, जिसमें ई-संवर्ग के 5849 और टी-संवर्ग के 4614 विद्यालय शामिल हैं । जिन स्कूलों का युक्तिकरण किया गया है, उनका जिलेवार आंकड़ा देखिए
अब से कुछ देर पहले मंत्रालय यानी महानदी भवन में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने पत्रकारों से चर्चा करके राज्य में चर्चा में आए मुद्दे युक्तियुक्तकरण को लेकर महत्त्वपूर्ण बातें साझा की हैं।
इस वीडियो में स्कूल शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं है कि राज्य में पहली बार युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है और न ही छत्तीसगढ़ ऐसा इकलौता राज्य है जहाँ ये किया जा रहा हो, बल्कि देश में कई राज्यों में पहले युक्तियुक्तकरण किया जाता रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।
इस विषय में महानदी भवन में पत्रकारों से बातचीत में स्कूल शिक्षा विभाग सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि इस निर्णय से शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो पाएगी और ये भी जानकारी दी कि इस निर्णय के बाद स्कूलों का डाइस कोड भी एक हो जाएगा।
युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य क्या है?
शासन ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया छात्रों के हित में है। राज्य में कुछ स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, जबकि अन्य में छात्रों की तुलना में अधिक शिक्षक हैं। इस असंतुलन को दूर करने के लिए युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। स्कूल शिक्षा विभाग में सचिव के अनुसार इससे गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी ।
दूसरी तरफ़ विरोध और आंदोलन
शिक्षक संगठनों ने युक्तियुक्तकरण के मापदंडों और प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर विरोध जताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ जिलों में अतिशेष शिक्षकों की सूची में गड़बड़ी की जा रही है और भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। इस विरोध के तहत 28 मई को मंत्रालय घेराव का ऐलान किया गया है। इससे पहले स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने स्पष्ट किया कि बाकायदा इस निर्णय से पहले जिलों के अधिकारियों के साथ ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से चर्चा करके और समिति बनाने के बाद इस निर्णय तक पहुंचा जा सका है।
शिक्षकों के पद समाप्त नहीं होंगे
हाल ही में 43,849 शिक्षकों के पद समाप्त किए जाने की खबरों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। हालांकि, शिक्षा विभाग ने इसे लेकर एक वीडियो भी जारी किया है।
आखिर क्यों है युक्तिकरण की आवश्यकता?
स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने जानकारी देते बताया कि प्रदेश में शिक्षक विहीन प्राथमिक शालाएं 212 है, एकल शिक्षक प्राथमिक शालाएं 6872 है, शिक्षक विहीन पूर्व माध्यमिक शालाएं 255 है, जिन विद्यालयों में एक भी छात्र नहीं ऐसे विद्यालय 211 है, प्रदेश में 15 शिक्षक या उससे अधिक वाली प्राथमिक शालाएं 08 है, 10 से 15 शिक्षक वाली प्राथमिक शालाएं 61, 06 या 0i शिक्षक वाली प्राथमिक शालाएं 749, 15 या उससे अधिक शिक्षक वाली पूर्व माध्यमिक शालाएं 09, 10 से 14 शिक्षक वाली पूर्व माध्यमिक शालाएं 90, 06 से 09 शिक्षक वाली पूर्व माध्यमिक शालाएं 1641, 20 से कम पीटीआर वाली प्राथमिक शालाएं 17,000, 10 से कम पीटीआर वाली पूर्व माध्यमिक शालाएं 3655, 20 से कम पीटीआर वाली पूर्व माध्यमिक शालाएं 4479, शहरी क्षेत्र में 10 से कम पीटीआर वाले शालाएं 537, शहरी क्षेत्र में 11-20 पीटीआर वाली विद्यालय1106 और शहरी क्षेत्र में 21-30 पीटीआर वाली विद्यालय 837 है । ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए युक्तियुक्तकरण आवश्यक है । सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि प्रदेश के और राज्यों में युक्तियुक्तकरण नहीं हुआ है, कुछ राज्यों को छोड़कर बाकी राज्यों में ये लगातार होते रही है । सिद्धार्थ कोमल ने जानकारी देते बताया कि हमारे राज्य में भी 2016 में युक्तिकरण हुआ था, काफी समय के बाद होने से थोड़ा माहौल बना है ।