अनिल वाधवा
तिल्दा–नेवरा 18 अप्रैल
पूरे देश में लॉकडाउन 3 मई तक जारी रहेगा. इस बीच प्रदेश सरकार ने 20 अप्रैल से खाद्य-सामग्री व अन्य आवश्यक वस्तुओं की बिक्री प्रारंभ करने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. इसमें अमेजन, फ्लिप्कार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां भी शामिल हैं. तिल्दा के व्यापारी ने इन ऑनलाइन व्यापारों पर 15 मई तक प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है.
चेम्बर ऑफ़ कामर्स, तिल्दा-नेवरा इकाई के अध्यक्ष दिनेश पंजवानी ने व्यापारिक संगठनों से अनुरोध किया है कि रविवार को शाम 5 बजे व्यापारी थाली, घंटी और शंख बजाकर अपना विरोध दर्ज करें. लॉकडाउन अवधि में व्यापार बंद होने के बावजूद छोटे मध्यम व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों को अपने परिवार की तरह वेतन और सुविधाएं दी. मकान मालिकों को किराया भी दिया. यहां तक कि बंद अवधि का बिजली बिल भी शासन द्वारा अब तक माफ़ नहीं किया गया है. उपरोक्त खर्चों से वे पहले ही अपने परिवार के पालन पोषण को लेकर संकट से गुजर रहे हैं. ऐसे में लॉक डाउन समाप्त होने के बाद अगले कुछ माह में उन्हें आर्थिक संकट से उबरने की उम्मीद है. लेकिन यदि इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा इत्यादि ऑनलाइन बिजनेस को पहले खोल दिया गया, तो देश के लाखों व्यापारियों की आर्थिक बर्बादी लगभग तय है. अतः केंद्र सरकार अपने पालक होने का धर्म निभाए और 15 मई तक ऑनलाइन व्यापार को प्रतिबंधित करे. पंजवानी ने अनुरोध किया है कि छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, कैट सहित देश के समस्त व्यापारिक संगठन केंद्र सरकार से उपरोक्त मांग करें और आवश्यकता हो तो देश के छोटे मध्यम व्यापारियों से विरोध स्वरूप रविवार 19अप्रेल को शाम 5बजे थाली,घंटी और शंख बजाकर अपना विरोध दर्ज करें.