चन्द्रकुमार श्रीवास
कोरबा 18 अप्रैल
प्रदेश की स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक आज कटघोरा पहुंची। वहां उन्होंने कलेक्टर कैंप कार्यालय में कटघोरा सहित कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने तथा उससे प्रभावित लोगों के लिए किए जा रहे कामों की लगभग दो घंटे तक समीक्षा की और कलेक्टर किरण कौशल से विस्तार से जानकारी ली। निहारिका बारिक ने कलेक्टर किरण कौशल तथा एसपी अभिषेक मीणा के नेतृत्व में कटघोरा में किए जा रहे कामों पर संतुष्टि जताई और संक्रमण को एक सीमित दायरे में ही रोकने में सफल होने को अच्छा प्रयास बताया।
निहारिका बारिक ने कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए शासन प्रशासन एक जुट होकर लगातार युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। जल्द ही हम कोरोना पर काबू पा लेंगे और छत्तीसगढ़ कोरोना फ्री स्टेट बन जायेगा। उन्होंने अपने साथ लाई गई दो हजार रेपिड टेस्टिंग किट भी स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. बी.बी.बोडे को दीं। प्रारंभिक तौर पर संक्रमण क्षेत्र से बाहर के सर्दी, खांसी, इनफ्लूंएंजा के मरीजों में कोरोना संक्रमण की निगरानी के लिए इन किटों का इस्तेमाल किया जायेगा ताकि संक्रमण के कोर एरिया से बाहर विस्तार की तत्काल पहचान की जा सके।
स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने कटघोरा के प्रभावित इलाकों का दौरा किया और कोरोना का फैलाव रोकने के लिए किए गए इंतजामों को मौके पर जाकर देखा। उन्होंने लोगों से लॅाक डाउन का पालन करने की अपील की और पुलिस तथा प्रशासन को लॅाक डाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। निहारिका बारिक ने किये गये इंतजामों पर संतुष्टि जताई और जरूरी निर्देश भी अधिकारियों को दिये। उन्होंने अपनी सावधानी रखते हुए संक्रमित क्षेत्र में काम करने की सभी को सलाह दी। लोगों को कोरोना बीमारी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देने के लिए कहा इसके साथ ही सभी लोगों को अपने घरों में ही रहने की हिदायत दी। निहारिका बारिक ने कटघोरा में लॅाक डाउन का पालन कराने के लिए पुलिस द्वारा ड्रोन कैमरों और बाईक पेट्रोलिंग की व्यवस्था का भी मौके पर जायजा लिया। उन्होंने पूरे इलाके को सेनेटाईज करने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियों सहित सार्वजनिक उपक्रमों के विशेष वाहनों की व्यवस्था पर संतोष जताया। कटघोरा को चार सेक्टरों में बाटकर पूरी तरह लाक डाउन की स्थिति पर संतुष्टि जाहिर की और लॅाक डाउन तोड़ने वाले लोगों से सख्ती से निपटने को कहा।
इस दौरान कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि कटघोरा में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए अन्य विभागों से भी अधिकारी-कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग की मदद के लिए लगाया गया है। वर्तमान में लगभग 600 अधिकारी-कर्मचारी विभिन्न कामों में जुटे हैं। लॅाक डाउन को पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है। हाई रिस्क वाले 150 से अधिक लोगों को क्वारेंटाईन सेंटरों में रखा गया है। कलेक्टर ने बताया कि लॅाक डाउन के दौरान लोगों तक आवश्यक चीजें पहुंचाने के लिए घर पहुंच सेवा शुरू की गई है। साठ वालिंटियरों के माध्यम से लोगों को उनकी मांग के अनुसार दवाईयां, राशन आदि समय पर पहुंचाया जा रहा है। कलेक्टर ने बताया कि क्वारेंटाईन किये गये पूरे एरिया में घर-घर जाकर मेडिकल टीमों द्वारा रोज लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा संक्रमित क्षेत्र में पहुंचकर लोगों को अपने घरों से बाहर नहीं निकलने की भी समझाईस दी जा रही है। संक्रमित क्षेत्र को पूरी तरह से वेरिकेटिंग कर लॅाक डाउन कर दिया गया है। कोर एरिया में निगरानी के लिए लगभग 200 पुलिस कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कलेक्टर ने यह भी बतायाा कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान बंद होने के कारण राशन कार्ड धारकों को खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा घर-घर पहुंचाकर निर्धारित मात्रा में राशन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
जल्दी पता लगने से समय पर ईलाज, इसीलिए कम समय में ठीक हो रहे मरीज-स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने कटघोरा के संक्रमित मरीजों की कान्टेक्ट हिस्ट्री को समय पर ट्रेस करने के तरीके पर भी संतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि जल्दी बीमारी पता लग जाने से मरीजों का प्रारंभिक चरण में ही एम्स में बेहतर ईलाज हो रहा है। अधिकांश संक्रमित लोग युवा हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है इसीलिए एम्स में ईलाज के दौरान वे जल्दी ठीक हो जा रहे हैं। बारिक ने कहा कि देर से संक्रमण के बारे में पता चलने पर बीमारी फेफेड़ों तक पहुंच जाती है जिससे सांस लेने में अत्याधिक तकलीफ होती है और बढ़ते-बढ़ते मरीज को पहले आक्सीजन देना पड़ता है फिर उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है। उन्होंने संतोष जताया कि छत्तीसगढ़ विशेषकर कोरबा से अभी तक किसी भी मरीज की ऐसी कोई स्थिति नहीं हुई है। पहले ही चरण में समय पर संक्रमितों की पहचान कर ली गई थी, तत्काल ऐसे मरीजों को ईलाज के लिए एम्स भेजा गया। इसीलिए अभी तक करोना से छत्तीसगढ़ में 25 लोग अभी तक स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट गये हैं।