सरकार के निर्णय पर पूर्व विधायक देवजी पटेल ने साधा निशाना, देवजी बोले :अन्य प्रदेशों से मजदूर बुलाकर वनवासियों का अधिकार न छीने सरकार, क्या प्रदेश में लोगों की कमी है..?

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प्रमोद मिश्रा 22 अप्रैल 2020

रायपुर

अन्य प्रदेशों से मजदूर बुलाकर वनवासियों का अधिकार न छीने सरकार – देवजी पटेल
क्या प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए लोगों की कमी है?- देवजी भाई पटेल

 

 

 

वन मंत्री मोहम्मद अकबर के एक बयान के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने कांग्रेस सरकार पर पलटवार किया है। पूर्व विधायक पटेल ने कहा कांग्रेस सत्ता में आने से पहले जो जन घोषणा पत्र जारी किया था वो मात्र दिखावा है। प्रदेश के वन मंत्री मोहम्मद अकबर कह रहे है कि अब तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए बाहर से करीब 12 सौ लोग प्रदेश में आएंगे। तेंदूपत्ता संग्रहण बस्तर समेत अन्य जिलों के वासियों का अधिकार है और यह कोई अभी का काम नहीं है यह शुरू से चला आ रहा है , पूर्व सरकारों की मंशा रही है कि आदिवासी क्षेत्र के उनके अधिकारों को सुरक्षित रखना है अब मंत्री जी ये बताए की जी अन्य प्रदेश से जो मजदूर आएंगे ओ कौन से प्रदेश से आएंगे क्या इस प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए लोगों की कमी है,
इस प्रकार बाहर से मजदूर बुलाकर प्रदेशवासियों के अधिकारों को कांग्रेस सरकार ने छीनने की बात कही है।

वनमंत्री के बयान पर पूर्व विधायक पटेल ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रदेश के आदिवासी तेंदूपत्ता तोड़ कर अपने आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हैं। यह उनके आय का एक प्रमख साधन है। अगर बाहर से तेंदूपत्ता तोड़ने वाले लोगों के माध्यम से तेंदू पत्ता तोड़वाया जाएगा तो वनांचल के आदिवासी भाई-बहनों व गरीब लोगों की रोजी-रोटी छीन जाएगी। कोरोना संकट के चलते वर्तमान समय रोजगार की भी कमी हो गई है। ऐसे में बाहर के मजदूरों को रोजगार देने से अच्छा है कि वनांचल क्षेत्र के भाई-बहनों को रोजगार दें।

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आगे उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने आउटसोर्सिंग को लेकर जो घोषणा पत्र जारी किया था। वह उसका पालन करने के बजाए उसके विपरीत चल रही है साथ ही शराब दुकानें बंद करने की बात भी कांग्रेस किया था किन्तु आज आउटसोर्सिंग को बढ़ावा देते हुए प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए हजारों लोग मध्य प्रदेश, बिहार, उड़ीसा जैसे सीमावर्ती राज्यों से आकर शराब दुकानों पर काम कर रहे हैं। जिससे कांग्रेस सरकार के कथनी और करनी में अंतर स्पष्ट हो रहा है।

देवजी पटेल ने प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जन घोषणा पत्र में वादा करने के बाद आज 2 साल से आउटसोर्सिंग के बारे में सरकार केवल सोच ही रही होगी। विभिन्न स्थानों में चल रहे आउटसोर्सिंग का क्रियाकलाप सीधा सीधा घोषणापत्र में किए गए वादे के विपरीत है।

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