जिम्मेदार कौन : बिना नोटिस के हटाया गरीबों का दुकान, तहसीलदार की कार्यवाहीं से कसडोल वासी हैरान, नगरवासी बोले : लॉक डाउन के कारण ऐसी आर्थिक तंगी, अब दुकान उजाड़कर क्या चाहते अधिकारी…?

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प्रमोद मिश्रा /  खोमन साहू

कसडोल बलौदाबाजार 23 अप्रैल 2020

कसडोल नगर पंचायत में बिना कोई नोटिस के हुई तोड़फोड़ की कार्यवाही

 

 

गरीबों को सता रही आने वाले कल की चिंता

लॉक डाउन के समय लोगों पर दोहरी मार

एक तरफ लॉक डाउन से लोग ऐसे ही परेशान हैं क्योंकि सभी को आने वाले कल की चिंता सता रही है की आखिर हम अपनी जिंदगी को पटरी पर कैसे ले पायेंगे और कैसे आर्थिक समस्या से निपट पायेंगे । लॉक डाउन ने सभी आर्थिक गतिविधियों को बंद कर दिया है ऐसे में छोटे व्यापारी जो अपने छोटे-छोटे ठेला दुकानों के जरिए अपने और अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं उनके सामने नगर पंचायत कसडोल में प्रशासन द्वारा करवाई मानो आफत की बादल लेकर आई है।  कसडोल के व्यापारियों का कहना है कि हमें बिना किसी सूचना दिए तहसीलदार अपनी टीम के साथ आएं और धड़ा -धड़ हमारे दुकानों पर जेसीबी चलवा दिया हमें तो ऐसा लग रहा है कि तहसीलदार ने हमारे दुकानों पर नहीं बल्कि हमारे परिवार पर ही जेसीबी चलाने काम कर दिया है क्योंकि एक तो लाखलॉक डाउन के चलते हम ऐसी ही आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और अगर लॉक डाउन खुलता भी है तो हम जिन दुकानों के भरोसे रोजी रोटी चला पाते जिंदगी को अपनी पटरी पर ला पाते हैं लेकिन उससे अधिकारियों ने हमें वंचित कर दिया है ।

 

 

 

लोगों का सीधा तौर पर आरोप है कि हमें बिना कोई सूचना दिए बिना कोई नोटिस दिए बिना कोई तामील केे दुकान पर सुबह तहसीलदार अपनी टीम के साथ आएं और जबरिया बेजा कब्जा है कहकर दुकानों पर जेसीबी चलवा दिए ।

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ऐसे में सवाल खड़े होता है कि आखिर लॉक डाउन के समय ऐसी कार्रवाई की क्या आवश्यकता… क्योंकि ऐसी कार्रवाई कहीं भी होती है तो लोगों की भीड़ जुटना लाजमी है ऐसे में यह नजारा यहां भी देखने मिला

लोगों की भीड़

जब प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई तो काफी भीड़ इकट्ठा हो गई ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जब लोगों को लॉक डाउन के समय आर्थिक तंगी की समस्या सता रही है तो बिना कोई नोटिस दिए ऐसी कार्रवाई क्यों की गई ।

 

वही इस कार्रवाई पर राजस्व अधिकारी एसडीएम टेक चंद अग्रवाल ने कहा है कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हुई है दरअसल तहसील ऑफिस के सामने बांस से बैठने की व्यवस्था बनाई गई थी जिससे लोगों की भीड़ हो जाती थी उसे ही तोड़ा गया है और साथ ही कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों की जगह बढ़ा ली थी उस पर कार्रवाई की गई है । हमारे द्वारा नगर पंचायत के माध्यम से बुनियादी करा ली गई है और लोग संतुष्ट है ।

 

अब अधिकारी  के इस बयान के बाद सवाल यह खड़े होता है कि आखिर तस्वीरों में जो देखा जा रहा है क्या इस बात पर अधिकारियों को यकीन नहीं है… क्या महिलाएं और नगरवासी जो बोल रहे हैं यह सत्य नहीं है… क्योंकि तस्वीरों में साफ देखा जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा जबरदस्त कार्रवाई की गई है अब ऐसे में देखना लाजमी है कि क्या एक बार फिर गरीबों के आशियाने पर जेसीबी चलाने पर कोई कार्रवाई जिम्मेदार अधिकारियों पर होती है कि नहीं…?

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