छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के ढ़ाई-ढ़ाई साल के कथित फॉर्मूले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हाईकमान के निर्देश पर वह तत्काल इस्तीफा दे देंगे। बघेल ने शुक्रवार को सरगुजा क्षेत्र के दौरे से पहले संवाददाताओं के सवाल के जवाब पर कहा, ‘‘अभी मैं आपसे बात कर रहा हूं और आलाकमान का निर्देश आता है कि इस्तीफा दे दो तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, पार्टी हाईकमान के निर्देश पर यह जिम्मेदारी मैंने ली है. हाईकमान बोले तो मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा।’’
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें इस पद का मोह नहीं है, उन्हें जो उत्तरदायित्व दिया गया है उस पद का वह निर्वहन कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकार से भ्रांति उत्पन्न करने वाले लोग प्रदेश का हित नहीं कर रहे हैं, बघेल ने कहा कि जिन लोगों को छत्तीसगढ़ का विकास होते हुए देखने में पीड़ा हो रही है, वह लोग इस प्रकार की बातें कह रहे हैं। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री पद का दायित्व सौंपा था, बघेल ने 17 दिसंबर वर्ष 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, इस समय वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव और सांसद ताम्रध्वज साहू ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी।
बघेल के मुख्यमंत्री नियुक्त होने के बाद ऐसे दावे भी सामने आये थे कि कांग्रेस आलाकमान ने बघेल और सिंहदेव को ढ़ाई-ढ़ाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री नियुक्त करने का निर्णय लिया है, यद्यपि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इसकी पुष्टि नहीं की थी। राज्य में अब कांग्रेस के शासन को दो वर्ष पूरे होने वाले हैं ऐसे में एक बार फिर ढ़ाई वर्ष में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री बघेल के इस बयान के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से ढा़ई वर्ष के फॉर्मूले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के साथ जो बात होती है उसकी एक गरिमा है, मर्यादा है, उन्होंने कहा, ‘‘हम लोग उसके बारे में सार्वजनिक बात नहीं करते हैं।’’ सिंहदेव ने आगे कहा कि कोई साल, समय की बात नहीं रहती है, वह (पार्टी हाईकमान) समय, परिस्थिति के अनुरूप निर्णय लेते हैं, बहुत ‘‘फीडबैक’’ उनके पास आते है, बहुत सी बातें रहती है, उनके अनुसार से वह निर्णय लेते हैं।
मुख्यमंत्री के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ :जे, के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने सवाल उठाया कि अचानक क्या हो गया कि मुख्यमंत्री को यह बयान देना पड़ा? उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई फार्मूला है तो उसे भी सार्वजनिक करना चाहिए, जोगी ने दावा किया कि उस पार्टी की संस्कृति है कि वहां फैसले दिल्ली से होते हैं, छत्तीसगढ़ वालों की कोई ‘‘पूछ-परख’’ नहीं है, उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री का यह बयान कि दिल्ली के आदेश पर मैं एक मिनट में इस्तीफ़ा दे दूंगा, गुलाम वाली मानसिकता का परिचायक है।’’