सिंगर-कंपोजर वाजिद खान की इसी साल जून में किडनी की बीमारी से जूझते हुए मौत हो गई थी।42 साल के वाजिद की अचानक मौत से फिल्म इंडस्ट्री को गहरा झटका लगा था। उनकी पत्नी कमलरुख ने एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में वाजिद के अंतिम दिनों के बारे में बात की है।
उन्होंने बताया कि अंतिम दिनों में वाजिद बेहद परेशान थे क्योंकि कोरोना लॉकडाउन की वजह से वह अपने परिवार वालों से नहीं मिल पा रहे थे।
कमलरुख ने इस इंटरव्यू में अपने और वाजिद के रिश्तों पर से भी पर्दा उठाया। उन्होंने कहा, ”वाजिद बेहतरीन इंसान और टैलेंटेड म्यूजिशियन थे लेकिन उनमें बस एक कमी थी, वो ये थी कि स्ट्रॉन्ग माइंडेड नहीं थे, वह जल्द ही लोगों की बातों में आ जाते थे, कोई भी उन्हें आसानी से प्रभावित कर लेता था, खासकर आस्था के मामले में।”
कमलरुख ने खुलासा कि इस बात को लेकर उनके झगड़े भी होते थे। 2014 में धर्म ना बदलने की सूरत में वाजिद ने उन्हें तलाक देने की भी धमकी दी थी। कमलरुख ने आगे कहा कि वह इसलिए चुप रहीं क्योंकि उस वक्त वाजिद का करियर दांव पर लगा हुआ था।
इससे पहले कमलरुख ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में भी वाजिद के परिवार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था, “मैं अपनी इंटर-कास्ट मैरिज के अनुभव शेयर करना चाहती हूं।।।इस दौर और उम्र में कैसे एक महिला पूर्वाग्रह का सामना कर सकती है। धर्म के नाम पर तकलीफ देना और भेदभाव करना शर्मनाक और आंखें खोलने वाला है।”
‘पढ़ी-लिखी स्वतंत्र महिला उन्हें मंजूर नहीं थी’
कमलरुख ने लिखा है, “मेरी साधारण पारसी परवरिश बहुत ही लोकतांत्रिक थी। शादी के बाद यही स्वतंत्रता, शिक्षा मेरे पति के परिवार के लिए सबसे बड़ी समस्या थी। एक पढ़ी-लिखी, सोचने-समझने वाली, स्वतंत्र महिला, जो अपना एक नजरिया रखती है, मंजूर नहीं थी।”
आत्मसम्मान ने नहीं दी झुकने की अनुमति
कमलरुख के मुताबिक, उन्होंने हमेशा हर धर्म का सम्मान किया है। लेकिन जब उन्होंने इस्लाम अपनाने का विरोध किया तो उनके और उनके पति के रिश्ते में दरार आ गई। वे लिखती हैं, “मेरी गरिमा और आत्मसम्मान ने मुझे इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए उनके और उनके परिवार के सामने झुकने की अनुमति नहीं दी।”
ससुराल वाले बना रहे धर्म परिवर्तन का दबाव
कमलरुख ने आरोप लगाया है कि उनके ससुरालवाले उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे हैं। लेकिन वे अपने अधिकारों और बच्चों की विरासत के लिए लड़ती रहेंगी। उन्होंने लिखा है, “उनके परिवार की ओर से प्रताड़ना जारी है। मैं अपने अधिकारों और बच्चों की विरासत के लड़ रही हूं, जो उनके द्वारा बेकार कर दिए गए हैं। यह सब मेरे इस्लाम न अपनाने के खिलाफ उनकी नफरत के कारण हो रहा है। नफरत की जड़ें इतनी गहरी हैं कि किसी प्रियजन की मौत भी उन्हें हिला नहीं सकती।”
उन्होंने अपनी पोस्ट के अंत में लिखा था कि धर्म परिवारों के टूटने का कारण नहीं होना चाहिए। वे लिखती हैं, “सभी धर्म परमात्मा तक पहुंचने का रास्ता है। धर्म सिर्फ ‘जियो और जीने दो’ होना चाहिए।”