- देश का किसान बड़े व्यापारियों व उद्योगपतियों का शिकार नहीं बनना चाहता
- बीजेपी ने सौदे और बिकाऊ की राजनीति कर प्रदेश में सरकार बनाई
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा है कि किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी दुष्प्रचार कर रही है। किसानों की बुनियादी मांग है। किसान बड़े व्यापारियों व उद्योगपतियों का शिकार नहीं बनना चाहता है। वह समर्थन मूल्य चाहता है। यह केंद्र सरकार तय करती है। केंद्र समर्थन मूल्य घोषित तो करती है, लेकिन देती नहीं है। अब किसान आंदोलन कर रहा है, वह दुखी है। वहीं, राजनीति से संन्यास के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैं आराम करने को तैयार हूं, मैंने जो हासिल किया है, वह शायद ही किसी को मिला होगा। बस, जनता तय कर दे कि मुझे कहां जाना है।’ हालांकि बाद में मीडिया से चर्चा के दौरान नाथ ने कहा कि उस दिन संन्यास लूंगा, जिस दिन छिंदवाड़ा की जनता कहेगी।
74 वर्षीय कांग्रेस नेता ने छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मध्य प्रदेश की पहचान सौदे से नहीं होगी। मैं बिकाऊ राजनीति नहीं करूंगा। बीजेपी ने सौदा किया और सरकार बना ली। बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने देश को विश्वव्यापी संविधान दिया। उन्होंने प्रावधान किया था कि यदि कोई सांसद या विधायक का निधन हो जाए तो उप चुनाव होगा। उन्होंने यह कभी यह नहीं सोचा होगा कि देश में बिकाऊ और सौदे की राजनीति आएगी। हमारे देश की संस्कृति ऐसी है कि यहां नैतिकता का सम्मान होता है। यही संस्कृति कांग्रेस की है। सत्ता में आने के बाद मुझे 15 महीने ही मिले। कुछ काम सरकार ने किए, लेकिन कई काम नहीं हो पाए।
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि विपक्षी दल कांग्रेस और वामपंथी कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं।
कांग्रेस ने दी सफाई
कांग्रेस के बयान पर कांग्रेस ने सफाई दी है। पार्टी के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने जारी बयान में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ चार दिन के छिंदवाड़ा दौरे पर हैं। जहां उन्होंने एक कार्यक्रम में जनता के समक्ष यह कहा कि छिंदवाड़ा क्षेत्र की जनता जिस दिन चाहेगी, मैं उस दिन ही संन्यास ले लूंगा। इतना कहते ही छिंदवाड़ा क्षेत्र की जनता ने कमलनाथ के पक्ष में जोरदार नारेबाजी कर कहा कि हम आपको एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, हम आपको सन्यास नहीं लेने देंगे। कमलनाथ इसके पूर्व भी कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे अपने राजनीतिक जीवन में कई उच्च पदों पर रह चुके हैं, केंद्रीय मंत्री के रूप में भी उन्होंने कई विभागों का दायित्व निभाया है।वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान है जो बग़ैर कुर्सी के वो कभी रह ही नहीं सकते है।
शिवराज बोले – घर बैठना है या नहीं, यह उनकी मर्जी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया आई है।उन्होंने कहा है कि हम किसी को सन्यास नहीं दिलाएंगे। यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। कमलनाथ को घर बैठना है या नहीं, यह उनकी मर्जी। आरोप और प्रत्यारोप उनके घर में लग रहे हैं। इसका जवाब वे ही दे सकते हैं। समाधान भी वही निकालें।