कृषि कानूनों का विरोध; 28 दिसंबर को प्रदेश भर से किसानों को भोपाल बुलाने की तैयारी
कृषि कानूनों का विरोध करने की कांग्रेस ने नई रणनीति बना ली है। 28 दिसंबर को शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायक ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा जाएंगे। सदन के अंदर भी इन कानूनों को लेकर हंगामा होने के पूरे आसार हैं। इस पूरे आंदोलन की कमान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को सौंपी गई है।
दरअसल, 28 दिसंबर को कांग्रेस का स्थापना दिवस है और यह दिन किसानों को समर्पित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए प्रदेश भर से किसानों को भोपाल बुलाने की तैयारी है। रणनीति के मुताबिक कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए किसानों को राजधानी की सड़कों पर उतारकर कांग्रेस, सरकार को अपनी ताकत दिखाना चाहती है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि 25 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भोपाल आएंगे। इसके बाद पीसीसी में एक बैठक होगी। जिसमें आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक में सरकार को घेरने का प्लान भी फाइनल किया जाएगा। सभी विधायकों को रविवार तक पहुंचने के निर्देश पीसीसी ने जारी कर दिए हैं।
इस आंदोलन की आहट होते ही सरकार और प्रशासन ने भी तैयारी कर ली है। भोपाल कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर दी है। ऐसे में संदेश साफ है कि विधानसभा का घेराव होने की स्थिति बनती है तो कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी होगी। क्योंकि विधायकों के साथ किसान व कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता भी विधानसभा तक रैली के रूप् में जाएंगे।
दूसरी तरफ विधानसभा ने शीतकालीन सत्र की अधिसूचना जारी कर दी है। विधायकों को सत्र के दौरान कोविड की गाइड लाइन का पालन कराने की तैयारियां पूरी कर ली गई है।
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक 28 को
विधानसभा का सत्र शुरू होने के पहले प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कार्यमंत्रणा समिति की बैठक सुबह 10 बजे बुलाई है। हालांकि इसकी अधिकृत सूचना जारी नहीं की गई है। इस बारे में संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बैठक का समय प्रोटेम स्पीकर तय करेंगे।