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अपनी 17 सूत्रीय माँगों को लेकर पंचायत मंत्री के बंगले पहुँचे जिला पंचायत सदस्य…कहा-‘न अधिकार का पता, न अधिकारी मानते हैं बात’…अब बनी ये रणनीति

केशव साहू, मीडिया24 न्यूज़, रायपुर। 23 दिसम्बर 2020

छत्तीसगढ़ के पंचायत स्तर में लगातार जनप्रतिनिधि अपने समस्याओं को लेकर मुखर होते रहे हैं। अब इसी कड़ी में जिला पंचायत के सदस्य अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। बुधवार को कई जिला पंचायत सदस्य पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के बंगले पहुंचे। इस दौरान पंचायत मंत्री से मुलाकात करके जिला पंचायत सदस्यों ने अपनी समस्याओं से मंत्री को रूबरू कराया और बताया कि जिला पंचायत के सदस्य लगातार अपनी समस्याओं से ग्रसित हैं और परेशान हैं।
अपने ज्ञापन में जिला पंचायत सदस्यों ने उल्लेख किया है कि जिला पंचायत सदस्यों के पास न ही कोई विशेष अधिकार है और ना ही उनके पास कोई मद है। जिसे वो ग्राम विकास में लगा सके।

Photo : मीडिया से विभिन्न विषयों पर बात करते मंत्री टीएस सिंहदेव

अपनी समस्याओं का उल्लेख करते सदस्यों ने कहा कि जिला पंचायत सदस्यों का वेतन भी बहुत कम है, जबकि जिला पंचायत के सदस्यों को जितना वेतन मिलता है, उतने में तो मात्र तीन दिनों का दौरा मुश्किल से हो पाता है। अपनी समस्याओं को बताते जिला पंचायत के सदस्य बताते हैं कि जिला पंचायत पंचायती राज व्यवस्था का सबसे ऊपरी हिस्सा निकाय होने से ग्रामीणों को भी विकास के लिए जिला पंचायत सदस्यों से बहुत आस रहती है, लेकिन उनकी आशा पर जिला पंचायत सदस्य खरे नहीं उतर पाते हैं।

ये हैं प्रमुख माँगे
जिला पंचायत सदस्यों के मुताबिक उनकी मांग है कि जिला पंचायत सामान्य सभा, सामान्य, प्रशासन समितियों की बैठक में अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य हो और अनुउपस्थिति के उचित कारण के अभाव में अनुशासनात्मक कार्यवाही निर्धारित हो।

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इसके साथ ही वो बताते हैं कि जिला पंचायत की बैठको में विभागीय जानकारियों को कम से कम एक सप्ताह पूर्व उचित और निर्धारित प्रारूप में सदस्यों को उपलब्ध कराना अनिवार्य किया जाए।
साथ ही सदस्य कहते हैं कि पंचायती राज अधिनियम 1993 में उल्लेख 29 विभागों के विषय पंचायती राज संस्थाओं को दिए गए हैं इनके संदर्भ में जानकारी तथा वाहन की बात तो सुरक्षित हो अधिकारियों अथवा संबंधित विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया सुनिश्चित हो।

मंत्री को दिये ज्ञापन में सदस्यों ने उल्लेख किया है कि पंचायत राज अधिनियम की धारा 50 तथा आप भवन में निर्धारित नीतियों के अनुरूप संबंधित विभागों से जानकारी समय समय पर सदस्यों को उपलब्ध कराना जाना चाहिए। साथ ही जिला पंचायत के सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्र के ग्राम पंचायत तुम के जी पी जी पी एस ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान में प्रस्ताव देने का प्रावधान किया जाए। इसके अलावा जिला पंचायत स्तर पर नवाचार ये तो साला आता था तकनीकी सही हो गए तो प्लानिंग चलती स्थापना सीख रखी जाए। जिपं सदस्य बताते हैं कि जिला पंचायत सदस्यों को मासिक मानदेय स्टेशनरी ओपेक द्वारा बताओ मिलाकर कम से कम 50, हज़ार प्रतिमाह प्रदान किया था।

जिला पंचायत की सामान्य बैठक में सदस्यों की अनुशंसा पर दर्शक दीर्घा में दिया लॉबी की भी हो जिला पंचायत की समान गया बैठक में सदस्यों की अनुशंसा पर दर्शक दीर्घा में दिया लॉबी की भी हो। इसके अलावा सदस्यों की माँग है कि जिला पंचायत के सदस्य तो ग्राम पंचायत के ग्राम सभा में पदेन सदस्य बनाया जाए, जिला पंचायत सदस्यों को जनपद पंचायत के सामान्य सभा में पदेन सदस्य बनाया जाए।

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पंचायत मंत्री से मिलने वालों में विजय शर्मा, राहुल टिकरिहा, सौदागर सोनकर समेत दुर्ग और रायपुर समेत कई जिला पंचायत सदस्य प्रमुख रुप से उपस्थित रहे।
छत्तीसगढ़ के पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव को ज्ञापन देकर की जिला पंचायत के सदस्यों ने अपनी समस्याओं से मंत्री को अवगत कराया है। ऐसे में जिला पंचायत सदस्यों का आरोप है कि अधिकारी उनकी बात नहीं मानते और बार-बार वह अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं।

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