प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 02 अप्रैल 2021
छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार चलते लगभग 27 महीने का वक्त हो चुका है । सभी विधायक यहीं मान रहे है कि सरकार में सब ठीक है, न तो ढाई – ढाई साल वाला कोई फॉर्मूला है और न हीं कोई सरकार के कार्यकाल से नाराज है । लेकिम ऐसे में धरसींवा से पहली बार विधायक बनी अनिता योगेंद्र शर्मा की यह चिट्ठी के तरह के सवाल खड़े करती है । दरअसल अनिता योगेंद्र शर्मा ने सीधे सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि अगर सरकारी अधिकारी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होगी तो ऐसे में जनाधार प्रभावित होगा । दरअसल छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस की अंदरूनी सियासत एक बार फिर गर्म होती दिख रही है। कांग्रेस की धरसीवां विधायक अनिता शर्मा ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अफसर अशोक चतुर्वेदी पर कार्रवाई का निर्देश देने की मांग की है। विधायक ने लिखा है कि भ्रष्ट अफसर पर कार्रवाई और उनको संरक्षण देने वालों की पहचान नहीं हुई तो कांग्रेस का जनाधार और लोकप्रियता प्रभावित हो सकती है।
मामला पाठ्य पुस्तक निगम में हुये भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में अनिता शर्मा आरोप लगाया है कि अशोक चतुर्वेदी के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में करोड़ाें का भ्रष्टाचार हुआ। टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता हुई। ब्लैक लिस्टेड फर्मों को काम दिया गया। स्वेच्छानुदान के नाम पर लाखों रुपये अपात्रों को दे दिये गये जिनका शैक्षणिक उन्नयन से कोई संबंध ही नहीं था। उनके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरों में मामला दर्ज है। मामला सामने आने के बाद सरकार ने नवम्बर 2019 में उनकी सेवाएं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को वापस लौटा दी थीं। अशोक चतुर्वेदी अब ग्रामीण कौशल विकास योजना के राज्य प्रबंधक और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक पद पर काम कर रहे हैं। उनके इन पदों का प्रभार मिलने से ही बात भड़की हुई है।
पत्र में अनिता शर्मा ने बताया है, उसके बाद चतुर्वेदी ने सरकार के खिलाफ उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं डाली हैं। उन्होंने 2015 से 2019 के बीच पाठ्य पुस्तक निगम में हुई खरीदी, टेंडर प्रक्रिया, स्वेच्छानुदान आदि की CBI से जांच कराने की मांग भी उठाई है। कांग्रेस विधायक ने लिखा है, भाजपा शासन में भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारी को कांग्रेस शासनकाल में भी महत्वपूर्ण पद मिलना जनता के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इससे प्रदेश की ही नहीं सरकार और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की छवि भी खराब हो रही है। इसका सीधा असर कांग्रेस और कांग्रेस सरकार की लोकप्रियता पर पड़ रहा है। विधायक ने लिखा है कि अशोक चतुर्वेदी को महत्वपूर्ण पद पर देखकर कांग्रेस के निष्ठावान जमीनी कार्यकर्ताओं के मन में वेदना है। इसका समाधान सिर्फ आपके माध्यम से ही हो सकता है।
भाजपा नेताओं से मिलीभगत का आरोप भी
विधायक अनिता शर्मा ने इस मामले में भाजपा नेताओं के भी शामिल होने की बात लिखी है। उन्होंने बताया, भाजपा नेता देवजी भाई पटेल जब धरसीवां के विधायक थे। उस समय अशोक चतुर्वेदी धरसीवां जनपद पंचायत के CEO थे। बाद में जब पटेल को पाठ्य पुस्तक निगम का अध्यक्ष बनाया गया तो उन्होंने नियमों को दरकिनार कर अशोक चतुर्वेदी को प्रबंध संचालक बनवाया। जबकि यह पद प्रथम श्रेणी के अधिकारी के लिये सुरक्षित था।
पढ़िये पत्र में क्या लिखा