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Facebook का नाम बदला : मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी का नया नाम Meta रखा, जुकरबर्ग बोले : “अब हमारे लिए फेसबुक फर्स्ट की जगह मेटावर्स फर्स्ट होगा”

प्रमोद मिश्रा

एंटरटेनमेंट डेस्क, 29 अक्टूबर 2021

लोगों के बीच पॉपुलर सोशल साइट्स Facebook अब नए नाम ‘मेटा’ के तौर पर जाना जाएगा । फेसबुक के फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को ऑकलैंड में आयोजित सालाना कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘भविष्य के वर्चुअल-रियलिटी विजन (मेटावर्स) को हासिल करने के लिए हम खुद को री-ब्रांड कर रहे हैं। अब हमारे लिए फेसबुक फर्स्ट की जगह मेटावर्स फर्स्ट होगा।

 

दिसंबर से ट्रेडिंग भी नए नाम से होग

कंपनी के शेयरों में एक दिसंबर से FB की बजाय MVRS (मेटा प्लेटफॉर्म इंक) सिंबल से ट्रेडिंग शुरू होगी। जुकरबर्ग ने कहा कि मेटा ग्रीक शब्द ‘बियॉन्ड’ से आया है। यह दुनिया में कंपनी का बेहतरीन प्रतिनिधित्व करता है। हमारी कंपनी ऐसी है जो लोगों को जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी बनाती है। इस बदलाव का मकसद फेसबुक को मेटावर्स कंपनी के तौर पर पेश करना है। इसके बाद फेसबुक का मुख्य सोशल ऐप नए ब्रांडनेम के अंब्रेला में मौजूद होगा।

जुकरबर्ग ने बताया कि इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप सहित कंपनी के दूसरे ऐप और सर्विस नए बेसिक स्ट्रक्चर में ही काम करेंगे। यह री-ब्रांडिंग वैसी ही होगी, जैसा गूगल ने अल्फाबेट नाम से ऑरिजनल स्ट्रक्चर सेट करने के लिए किया था। हालांकि अल्फाबेट की तर्ज पर फेसबुक कॉरपोरेट री-स्ट्रक्चरिंग नहीं करेगी। कंपनी ने कहा है कि हमारी फाइनेंशियल रिपोर्टिंग दो सेगमेंट- रियलिटी लैब्स और फैमिली ऑफ ऐप्स में बंट जाएगी।

जुकरबर्ग बोले- यह बदलाव हमारे नए इरादों की झलक

जुकरबर्ग ने कहा कि नए नाम के साथ हमारे इरादों की भी झलक मिलती है। साथ ही ये भी साफ होता है कि हम क्या करना चाहते हैं। पुराना नाम हमारी पूरी और सही पहचान बताने में शायद उतना कामयाब नहीं रहा, लोग फिर भी हमारे साथ जुड़े हैं। आने वाले वक्त में हम ज्यादा बेहतर तरीके से खुद को पेश कर पाएंगे। जुकरबर्ग ने अपने ट्विटर हैंडल में भी @meta जोड़ने का फैसला किया है। साथ ही meta.com ही अब आपको सीधे फेसबुक के होम पेज पर री-डायरेक्ट करेगा।

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फेसबुक ने नाम किसलिए बदला 

जिस तरह गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट है, उसी तरह एक पेरेंट कंपनी के अंदर फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और कंपनी के दूसरे प्लेटफॉर्म आएंगे। ये बदलाव मेटावर्स पर फोकस करने के लिए किया गया है। कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग का मानना है कि आने वाले समय में मेटावर्स दुनिया की वास्तविकता होगी। वे मेटावर्स तकनीक की इस रेस में पीछे नहीं रहना चाहते हैं।

मेटावर्स है क्या?

मेटावर्स एक तरह की आभासी दुनिया होगी। इस तकनीक से आप वर्चुअल आइंडेंटिटी के जरिए डिजिटल वर्ल्ड में एंटर कर सकेंगे। यानी एक पैरेलल वर्ल्ड जहां आपकी अलग पहचान होगी। उस पैरेलल वर्ल्ड में आप घूमने, सामान खरीदने से लेकर, इस दुनिया में ही अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से मिल सकेंगे ।

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