यात्रीगण ध्यान दें!जरूरी खबर : 40 साल से बसों के आवागमन वाले पंडरी बस स्टैंड में आज से बसों का आवागमन नहीं, आज से बसों का आवागमन भाठागांव बस टर्मिनल से, पढ़िये जरूरी खबर

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 15 नवंबर 2021

लगभग 40 साल से पंडरी बस स्टैंड में बसों का आवागमन देखने को मिलता था, लेकिन अब राजधानी रायपुर में बसों का आवागमन पंडरी बस स्टैंड से नहीं बल्कि भाठागांव बस टर्मिनल से देखने को मिलेगा । दरअसल, जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अब बसें, भाठागांव बस टर्मिनल से रुकेंगी और छूटेंगी । आपको बताते चलें कि व्यापारियों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन जिला प्रशासन अब साफ कर चुका हैं कि बसों का आवागमन सिर्फ और सिर्फ भाठागांव बस स्टैंड से ही होगा ।

 

 

दो हजार से अधिक बसें 15 नवंबर से नए अंतरराज्यीय बस टर्मिनल भाठागांव से छूटने लगेंगी। इसके लिए निगम और प्रशासन पूरी तैयारी में जुटे हैं। इन सबके बीच आम लोग बेचैन है। सब के मन में यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर भाठागांव बस टर्मिनल तक यात्रियों के आने-जाने के लिए प्रशासन ने परिवहन की क्या व्यवस्था कर रखी है? जिला व नगर निगम प्रशासन केवल यात्री बसों के साथ पंडरी की दुकानों को खाली कराकर दुकानदारों को शिफ्ट करने में लगा हुआ है ।

बगैर व्यस्थापन दो सौ दुकानदारों की शिफ्टिंग

पंडरी बस स्टैंड में पिछले 50 साल से व्यापार करते आ रहे दो सौ दुकानदारों का कहना है कि बिना व्यस्थापन के फिर से उन्हें पंडरी से हटाया जा रहा है। नया बस स्टैंड व्यापारी एवं यात्री कल्याण संघ पंडरी के अध्यक्ष मो.सोहेल सेठी ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा था कि स्मार्ट राजधानी के भव्य अंतरराज्यीय बस टर्मिनल भाठागांव का व्यापारी स्वागत करते हैं, लेकिन दुकानों के व्यवस्थापन, निर्माण तक बस स्टैंड का संचालन नहीं किया जाना चाहिए। वहां पर ड्रेनेज सिस्टम, नल, पानी, वाटर एटीएम, इंटरनेट, टायर, पंक्चर, वेल्डिंग लेट, बैटरी मैकेनिक, पेट्रोल-डीजल पंप, पुलिस चौकी के साथ 24 घंटे महिलाओं के लिए पिंक शौचालय आदि की सुविधा निगम प्रशासन उपलब्ध कराए। 1965 से 1980 तक पुराना बस स्टैंड जय स्तंभ चौक के समीप व्यापार करते आए। उसके बाद से पंडरी नया बस स्टैंड में शिफ्ट कराया गया। अब वहां से भी हटाकर भाठागांव जाने को कहा जा रहा है। दुकानदारों को बार-बार व्यस्थापन व दोहरी आर्थिक हानि उठाना पड़ रही है ।

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फ़ाइल फ़ोटो

बस आपरेटर गिना चुके हैं दिक्कतें

यात्री बसों की पंडरी से भाठागांव शिफ्टिंग के बाद होने वाली कई दिक्कतें सामने आई हैं ।  पिछले दिनों बस आपरेटरों की प्रशासन के साथ हुई बैठक में यह मसला आपरेटरों ने उठाया था। उनका कहना था कि नियम के मुताबिक बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की अधिकतम दूरी चार किलोमीटर होनी चाहिए, लेकिन रेलवे स्टेशन से भाठागांव बस टर्मिनल की दूरी पांच किलोमीटर से अधिक है। बलौदाबाजार रूट से बस स्टैंड जाने के लिए बसों को मंदिरहसौद से घूमना होगा। इसके कारण डीजल खर्च बढ़ेगा। यही नहीं, बस टर्मिनल में खाने, पीने, टायलेट, पंक्चर दुकानें आदि की कोई सुविधा विकसित नहीं की गई है। अफसरों का कहना है कि भाठागांव तक जाने और वापस आने के लिए ई-रिक्शा, सिटी बसें और अन्य साधनों की उपलब्धता कराई जा रही है। आटो रिक्शा का किराया रिवाइज करने का काम परिवहन विभाग कर रहा है। भाठागांव में बसों की शिफ्टिंग के बाद सारी सुविधाएं मिलने लगेंगी।

फ़ाइल फ़ोटो

ये हैं मांगें

दुकानदारों ने मांग की है कि बसों का संचालन दो फेस में किया जाना चाहिए। पहले अंतरराज्यीय बसें चलें, फिर सारी सुविधा होने पर स्थानीय बसों का संचालन शुरू कराएं। शहर में बसों के प्रवेश का समय निर्धारित हो, ताकि देर रात व सुबह बाहर से आने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने में सुविधा हो। दुकानदारों ने कहा कि 324 रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से स्थायी लीज पर दुकान देने के लिए निगम ने सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन आज तक यह तय राशि नहीं ली गई। चालीस साल से दुकानदार पंडरी में व्यवसाय कर परिवार का पेट पालते आ रहे हैं। अब सुनसान स्थान को आबाद कर फिर से गरीब, छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी छीनने की कोशिश की जा रही है।

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