छत्तीसगढ़ कैबिनेट में होगा बड़ा बदलाव?…अन्य राज्यों की तर्ज़ पर बदले जायेंगे कई मंत्री, इन विधायकों को मिलेगा भूपेश कैबिनेट में मौका..क्या तीन साल होने पर कैबिनेट में है बदलाव की जरूरत?,पढ़िये पूरी खबर

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 25 नवंबर 2021

राजस्थान और पंजाब में कैबिनेट में बदलाव के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी यह सवाल उठने रखा है कि क्या सरकार के लगभग 3 साल पूरे होने पर छत्तीसगढ़ के कैबिनेट में भी बदलाव किया जाएगा..?
यह सवाल इसलिए भी उठता है कि पिछले कुछ समय में गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान के साथ पंजाब में भी कैबिनेट में बदलाव किए गए हैं, वहीं केंद्र की कैबिनेट में भी बदलाव किया गया है। ऐसे में क्या आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में भी कैबिनेट में बड़ा बदलाव देखने मिलेगा? ये बड़ा सवाल है।

 

 

 

छत्तीसगढ़ के मंत्री

सूत्र बताते हैं कि यूपी चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में भी कैबिनेट में बड़ा बदलाव देखने मिल सकता है। अब तक कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत के बाद जिन चेहरों को मंत्रिमंडल में सम्मिलित किया गया है, उनमें डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम,उमेश पटेल,अनिला भेड़िया, टीएस सिंहदेव, अमरजीत भगत, जयसिंह अग्रवाल, शिव कुमार डहरिया,मोहम्मद अकबर,कवासी लखमा, गुरु रूद्र कुमार, रविंद्र चौबे, ताम्रध्वज साहू शामिल हैं।

कांग्रेसी विधायक

इस समय कांग्रेस की प्रदेश में 70 विधानसभा सीटों पर कब्जा है और 70 विधायक वर्तमान में हैं। अगर 70 विधायकों में देखा जाए, तो कांग्रेस पार्टी ने अधिकतर विधायकों को कुछ न कुछ जिम्मा जरूर दिया है, जिनमें कुछ विधायकों को संसदीय सचिव तो कुछ विधायकों को विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ सदस्य भी बनाया गया है। ऐसे में जिन विधायकों को कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी गई है उन्हें भी आस है कि आने वाले दिनों में उन्हें भी कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं कुछ विधायक ऐसे भी हैं, जो अभी वर्तमान में संसदीय सचिव और प्राधिकरण के अध्यक्ष उपाध्यक्ष हैं। उन्हें भी लगता है कि आने वाले दिनों में पार्टी उन्हें भी बड़ी जिम्मेदारी देगी और कैबिनेट में जगह उनको भी मिल पाएगी ।

 

किस विधायक को मिली क्या जिम्मेदारी?

भरतपुर सोनहट से विधायक गुलाब कमरों को संसदीय सचिव,अंबिका सिंहदेव को संसदीय सचिव,खेलसाय सिंह को सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष, वृहस्पत सिंह को सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष,चिंतामणि महराज को संसदीय सचिव,यू डी मिंज को संसदीय सचिव,रामपुकार सिंह को प्रोटेम स्पीकर-विधानसभा, उत्तरी गणपत जांगड़े को छ.ग.अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष,पुरुषोत्तम कंवर राज्यमंत्री दर्जा,डॉ रश्मि आशीष सिंह को संसदीय सचिव,चरणदास महंत को अध्यक्ष – छत्तीसगढ़ विधानसभा,रामकुंआर यादव को छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष,देवेंद्र बहादुर सिंह को छत्तीसगढ़ वन विकास निगम का अध्यक्ष(कैबिनेट मंत्री दर्जा),विनोद चंद्राकर को संसदीय सचिव,चंद्रदेव राय को संसदीय सचिव,शकुंतला साहू को संसदीय सचिव,अनिता योगेंद्र शर्मा को छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का सदस्य,विकास उपाध्याय को संसदीय सचिव,कुलदीप जुनेजा को छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड का अध्यक्ष,डॉ लक्ष्मी ध्रुव को मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, संगीत सिन्हा को छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का सदस्य,कुंवर निषाद को संसदीय सचिव,अरुण वोरा को कैबिनेट मंत्री दर्जा,इन्द्रशाह मंडावी को संसदीय सचिव,अनूप नाग को मुख्यमंत्री अधोसंरचना व उन्नयन विकास प्राधिकरण का सदस्य(राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त),गुरुदयाल बंजारे को संसदीय सचिव,मनोज मंडावी को उपाध्यक्ष- छत्तीसगढ़ विधानसभा, शिशुपाल सोरी को संसदीय सचिव,चन्दन कश्यप को छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प कला बोर्ड का अध्यक्ष,रेखचन्द जैन को संसदीय सचिव,लखेश्वर बघेल को बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और विक्रम मंडावी को बस्तर विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी दी गई है।

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ऐसे विधायक जिन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं मिली

मीडिया24 न्यूज़ ने जो आंकड़ा जुटाया है, उसके मुताबिक डॉ. विनय जायसवाल, डॉ प्रीतम राय,विनय कुमार भगत,चक्रधर सिंह सिदार,प्रकाश नायक,लालजीत सिंह राठिया,मोहित केरकेट्टा,के के ध्रुव,शैलेश पांडेय,सत्यनारायण शर्मा,धनेंद्र साहू,अमितेश शुक्ल,देवेंद्र यादव,आशीष छाबड़ा,ममता चंद्राकर, भुनेश्वर बघेल,दलेश्वर साहू,छन्नी साहू, राजमन बेंजाम और देवती कर्मा को कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी गई है ।

कौन-कौन हैं प्रमुख दावेदार?

कांग्रेस के 70 विधायकों में से 21 विधायक ऐसे हैं, जिन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई हैं। ऐसे में जिन विधायकों को अभी तक जिम्मेदारी उनमें सबसे बड़ा और पहला नाम बिलासपुर से विधायक शैलेश पांडेय का आता है। बिलासपुर से अमर अग्रवाल जैसे बड़े और कद्दावर नेता को शिकस्त देने वाले शैलेश पांडेय,कैबिनेट की लिस्ट में सबसे प्रबल दावेदार हैं। छत्तीसगढ़ में रायपुर के बाद बिलासपुर का नाम ही आता है और बिलासपुर में तीन कार्यकाल तक मंत्री के रूप में अमर अग्रवाल रहे। ऐसे में अमर अग्रवाल को हराने के बाद शैलेश पांडेय को भी मंत्री बनने का सपना बिलासपुर की जनता ने देखा था, लेकिन पूरा नहीं हो पाया । अब आने वाले दिनों में बिलासपुर के लोगों को उम्मीद है कि उनके ये विधायक जरूर मंत्री बनेंगे।

दूसरा बड़ा चेहरा शिक्षक से विधायक बने चंद्रदेव राय हैं, जिन्होंने शिक्षक के पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस से चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की । कभी शिक्षक के नाम से जाने जाने वाले चंद्रदेव राय अब विधायक के रूप में जनता की सेवा कर रहे है ऐसे में अब देखना होगा कि कांग्रेस के बड़े नेता क्या निर्णय लेते हैं?

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तीसरा बड़ा नाम इस लिस्ट में आता है कसडोल से विधायक और वर्तमान में संसदीय सचिव शकुंतला साहू का। शकुंतला साहू ने अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बड़े नेता गौरीशंकर अग्रवाल को बड़े अंतर से शिकस्त दी। ऐसे में कसडोल विधानसभा के लोगों को उम्मीद थी कि उनके चुने विधायक को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी । ऐसे में शकुंतला साहू भी कैबिनेट में जगह पा सकती हैं। वैसे इस बार विधानसभा में 14 महिलाएं विधायक बनकर आईं हैं, जिनमें कांग्रेस के 11 महिला विधायक हैं। ऐसे में देखना होगा कि बचे 10 महिला विधायकों में किनको जगह मिल पाती है।

 

वैसे इस लिस्ट में धनेंद्र साहू, अमितेश शुक्ल, देवती कर्मा, विकास उपाध्यय जैसे नाम हैं, जिनको उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उनको भी कैबिनेट में जगह जरूर मिलेगी।

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