क्या पड़ेगा प्रभाव? : यूक्रेन और रूस के विवाद का भारत पर पड़ेगा असर, कई चीजें हो सकती हैं महंगी

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प्रमोद मिश्रा

नई दिल्ली, 25 फरवरी 2022

रूस और यूक्रेन के बीच विवाद का असर भारतीय बाजार पर भी देखा जाएगा । भारत में कई वस्तुएं विवाद के चलते महंगी हो जाएगी । निर्यातकों का कहना है कि इस वॉर से खेपों की आवाजाही, भुगतान और तेल की कीमतों पर असर पड़ना स्वाभाविक है, जिससे कई चीजें महंगी हो जाएंगी।

 

 

 

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने कहा कि उन्होंने निर्यातकों से कहा है कि वे अपनी खेप या माल को उस क्षेत्र में रखें जो काला सागर का रास्ता अपनाते हैं। FIEO के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि रूस, यूक्रेन और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों में स्वेज नहर और काला सागर से माल की आवाजाही होती है। उन्होंने कहा कि व्यापार पर इसका कितना प्रभाव पड़ेगा यह युद्ध की अवधि पर निर्भर करेगी।

सहाय ने कहा, यह व्यापार के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि अभी COVID-19 महामारी से उबरने का समय था और व्यापार इससे उबर रहे थे। निर्यातक उस क्षेत्र में अपने व्यापार से निपटने में सतर्क हैं। यह लड़ाई माल की आवाजाही, भुगतान और तेल की कीमतों दोनों को प्रभावित करेगा। मौजूदा संकट से देश के निर्यात पर असर पड़ेगा, क्योंकि पश्चिम रूस पर प्रतिबंध लगा रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में एक सैन्य अभियान की घोषणा के बाद यूक्रेन में स्थिति बिगड़ गई है, जिससे दोनों देशों के बीच पूर्ण पैमाने पर सैन्य टकराव की संभावना पर गंभीर चिंताएं पैदा हो गईं। पुतिन की घोषणा के बाद, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि एक ‘आक्रमण’ यूरोप में “बड़े युद्ध” की शुरुआत हो सकता है।

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रूस से भारत में क्या होता है आयात-निर्यात?

भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार इस वित्त वर्ष में अब तक 9.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2020-21 में 8.1 अरब अमेरिकी डॉलर था। रूस से भारत ईंधन, खनिज तेल, मोती, कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, विद्युत मशीनरी और उपकरण और उर्वरक आयात करता है। जबकि भारत से रूस को प्रमुख निर्यात वस्तुओं में फार्मास्युटिकल उत्पाद, विद्युत मशीनरी और उपकरण, जैविक रसायन और वाहन शामिल हैं।

 

उधर, भारत के एक्सपोर्ट में यूरोप की बड़ी हिस्सेदारी है। यूरोप में अस्थिरता के चलते स्टील, इंजीनियरिंग गुड्स आदिक की डिमांड बढ़ सकती है। इंडिया इन चीजों का बड़ा सप्लायर है। ऐसे में इंडिया के लिए एक्सपोर्ट बढ़ाने का बड़ा मौका होगा। कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद से इंडिया एक्सपोर्ट बढ़ाने पर जोर दे रहा है। उसका मानना है कि चीन के प्रति अविश्वास के बढ़ते माहौल का फायदा उठाना होशियारी है।

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