दीपक यादव/प्रमोद मिश्रा
महासमुंद/रायपुर, 06 मार्च 2022
एक तरफ छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के अट्ठारह सौ आंगनबाड़ी केंद्रों में महिला समूह को भुगतान नहीं होने की वजह से आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों को ना तो गर भोजन मिल पा रहा है नहीं महिलाओं को गर्भावस्था में जरूरी पोषण आहार मिल पा रहा है वहीं दूसरी तरफ महिला एवं बाल विकास विभाग राजधानी रायपुर में लाखों खर्च कर महिला मणि मेले का आयोजन करा रहा है ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिन महिलाओं ने अपना घर छोड़कर आंगनबाड़ी केंद्रों में मेहनत कर रोजी-रोटी की तलाश में लगी हुई हैं उनके हक पर डाका डाल कर क्या लाखों रुपए का मडई मेले का आयोजन कराया जा रहा है आपको बताते चलें कि पिछले 5 दिनों से महासमुंद जिले के अट्ठारह सौ आंगनबाड़ी केंद्रों में ना तो बच्चों को गर्म भोजन मिला ना गर्भावस्था में रही महिलाओं को पोषण आहार मिला ऐसे में लाखों खर्च कर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अपना चेहरा चमकाने इस तरह के आयोजन पर लगाता लगातार सवाल उठ रहे हैं र सवाल उठ रहे हैं
राजधानी महिला एवं बाल विकास मंत्री के पोस्टरों से लदा
राजधानी रायपुर के ग्राफ सड़कों पर अगर आप जाएंगे तो आपको सैकड़ों की संख्या में महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया के सैकड़ों फ्लेक्स दिखाई देंगे । फ्लेक्स को देखकर आपको लगेगा कि विभाग के प्रचार प्रसार में ही लाखों खर्च कर दिए गए हैं । ऐसे में जब एक तरफ आंगनबाड़ी में काम करने वाले महिलाओं को उनकी मेहनत का पैसा नहीं मिल पा रहा है, तो दूसरी तरफ हजारों रुपए खर्च कर फ्लेक्स लगाने का मतलब ही क्या है?
क्या मंत्रीपद बचाने की जद्दोजहद में है मंत्री?
आपको बताते चलें कि छत्तीसगढ़ में मंत्रीमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट शुरू हो गई है । कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की बयान दिया था कि यूपी चुनाव के बाद मंत्रीमंडल में फेरबदल हो सकते हैं । ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या समाज कल्याण विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया अपने पद को बचाने के लिए ऐसे आयोजन करा रही हैं।