प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 12 जुलाई 2022
छत्तीसगढ़ में 12 जुलाई 2009 का दिन काले अध्याय के रूप में लिखा जाएगा । क्योंकि, इसी दिन नक्सलियों के हमले से एसपी विनोद चौबे सहित 29 पुलिसकर्मियों ने अपनी शहादत दी थी । नक्सलियों से लोहा लेने जब टीम रवाना हुई, तो लगभग 350 से अधिक की संख्या में नक्सलियों ने जवानों को घेरकर हमला कर दिया । इस घटना की गूंज आज भी कानों में सुनाया देती है क्योंकि यह पहली ऐसी घटना थी जिसमें एसपी लेवल के अधिकारी को नक्सलियों ने निशाना बनाया था । राजनांदगांव जिले के कोरकोट्टी-मदनवाड़ा इलाके में बड़ा नक्सल हमला हुआ था। एसपी वीके चौबे भी इस घटना में शहीद हुए थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवानों की वीरता को याद करते लिखा है कि
12 जुलाई 2009 को मदनवाड़ा के जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए पुलिस अधीक्षक स्व. विनोद चौबे जी एवं छत्तीसगढ़ की माटी के लिए नक्सलियों से लोहा लेते हुए उनकी टीम के शहीद पुलिस जवानों की शहादत को हम सब नमन करते हैं, श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
हम सबको आप पर गर्व है।
12 जुलाई 2009 को मदनवाड़ा के जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए पुलिस अधीक्षक स्व. विनोद चौबे जी एवं छत्तीसगढ़ की माटी के लिए नक्सलियों से लोहा लेते हुए उनकी टीम के शहीद पुलिस जवानों की शहादत को हम सब नमन करते हैं, श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
हम सबको आप पर गर्व है। pic.twitter.com/10vu1mvBW2
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 12, 2022
एसपी विनोद चौबे की जीवनी
शहीद विनोद कुमार चौबे, एक था भारतीय पुलिस सेवा के 1998 बैच के अधिकारी थे । विनोद चौबे को मरणोपरांत शांतिकाल वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया । साथ ही मरणोपरांत कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया गया । यह पुरस्कार उनकी पत्नी रंजना चौबे को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने दिया ।
पुलिस कैरियर