संविदाकर्मियों के सत्याग्रह सप्ताह तिरंगा रैली के साथ समापन, सरकार द्वारा जल्द मांग पूरा नही होने पर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

Exclusive Latest छत्तीसगढ़ रायपुर

प्रमोद मिश्रा

कसडोल, 27 अगस्त 2022

अपने मांगो को लेकर प्रतिरोध के नए तेवरों के साथ प्रदेश में संविदाकर्मियों का सत्याग्रह आज पूरे प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों में तिरंगा रैली के साथ समाप्त हुआ। तिरंगा रैली सभी जिला मुख्यालयों के मुख्य प्रशासनिक कार्यालयों में जाकर ज्ञापन सौंपने के साथ समाप्त हुई। सत्याग्रह के अंतिम दिन पूरे प्रदेश के 30 हजार से अधिक संविदाकर्मी अवकाश पर रहे और नियमित कमर्चारियों की हड़ताल से चरमराई सरकारी व्यवस्था पूरी तरह ढह गई। लोगों को अपने जरुरी कामों के लिए भटकना पड़ा, हालाँकि सर्वविभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने इसके लिए आम जनता से क्षमा प्रार्थना करते हुए हड़ताल को अपनी मज़बूरी बताया और इसके लिए सरकार की असंवेदनशीलता को जिम्मेदार बताया है।

 

 

 

उल्लेखनीय है कि सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के तत्वाधान में राज्य के 54 विभागों के समस्त संविदा कर्मचारी 26 अगस्त को एक दिन की हड़ताल के माध्यम से शासन को अपने नियमितीकरण, 62 वर्ष की जॉब सिक्योरिटी एवं वेतन वृद्धि जैसी मांगों के लिए रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपेंगे। इस दौरान उक्त सभी विभागों जिसमें स्वास्थ, पंचायत, शिक्षा, महिला बाल विकास जैसे प्रमुख विभाग सम्मिलित हैं, उक्त कार्यालयों में संविदा कर्मचारी काम बंद रखा जिसका काफी असर दिखाई पड़ा क्योंकि पूर्व से ही नियमित कर्मचारियों की हड़ताल जारी है।

इससे पूर्व संविदा कर्मचारियों द्वारा अगस्त ध्यानाकर्षण सप्ताह के माध्यम से 22 अगस्त से लेकर 25 अगस्त के दौरान अपने कार्यालयों में तिरंगा पट्टी लगाकर शासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए कार्य कर रहे थे ज्ञातव्य हो कि पूरे प्रदेश में लगभग 30 हजार की संख्या में संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं ये कर्मचारी स्वास्थ्य सेवाओं सहित, पंचायत, मनरेगा जैसे महत्वपूर्ण और जनसरोकारों से जुड़े विभागों में कार्यरत हैं, लेकिन इन्हें इनका नैसर्गिक अधिकार आज तक नहीं मिला है इनके द्वारा लम्बे समय से नियमितीकरण की मांग की जा रही है किन्तु कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा-पत्र में नियमितीकरण करने की घोषणा के बावजूद 4 सालों में कुछ ख़ास पहल नहीं की है।

पढ़ें   छत्तीसगढ़ BJP की मैराथन बैठक मे जिला, विस प्रभारियों और विस्तारकों की बनी चुनावी रणनीति

महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि हमारी सर्वप्रथम और एकमात्र मांग नियमितीकरण है लेकिन नियमितीकरण की कार्रवाई होते तक तात्कालिक व्यवस्था के तहत छ.ग. सिविल सेवा भर्ती नियम (संविदा) २०१२ में निम्नानुसार संशोधन किया जाए, वेतन निर्धारण हेतु वरिष्ठता को आधार बनाया जाए, सभी विभागों में वेतन में एकरूपता लाई जाए, वर्तमान में अलग-अलग विभागों में एक ही पद के लिए अलग-अलग वेतन निर्धारित हैं, वर्तमान में विभागों में रिक्त पदों पर संविदाकर्मियों का संविलियन तथा नियमित वेतनवृद्धि का प्रावधान किया जाए।

प्रांतीय मंत्री सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ व एन एच एम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने बताया कि संविदाकर्मियों की वरिष्टता सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखती कोई कर्मचारी चाहे 20 साल से सेवा में हो लेकिन उसे भी वही वेतन मिलता है जो उस पद के लिए निर्धारित है, अर्थात एंट्री लेवल का वेतन ही सबको मिलता है, जो आज भर्ती हुआ उसे भी और जो 20 साल पहले भर्ती हुआ उसे भी, जबकि नियमित कर्मचारियों को सालाना वेतनवृद्धि, समयमान वेतनमान आदि की व्यवस्था की गई है यह अमानवीय स्थिति है। इन परिस्थितियों से ही जम के लड़ने के लिए सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने कमर कासी है और निकट भविष्य में सरकार को हमारे ऐसे और भी सत्याग्रहों का सामना करना पड़ेगा, असर ना होने पर महात्मा गांधी की तरह करो या मरो का नारा देकर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

Share