प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 21 सितंबर 2022
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कसडोल विकासखंड के ग्राम कटगी में बिना शासकीय अनुमति के ट्रिनिटी कान्वेंट स्कूल संचालित हो रही है । लेकिन, ताज्जुब की बात है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सब कुछ पता होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई स्कूल प्रबंधन पर नहीं हो रही है । जिले के शिक्षा अधिकारी इस मामले में ऐसे जवाब दे रहे हैं, मानों उन्हें कोई लेना-देना ही नहीं है । बलौदाबाजार जिले के शिक्षा अधिकारी सी एस ध्रुव ने पहले कबूल किया कि स्कूल बिना अनुमति के संचालित हो रही है । लेकिन, अब जिला शिक्षा अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय तारीख पर तारीख की बात कर रहे हैं । जिले के शिक्षा अधिकारी सी एस ध्रुव ने 12 सितंबर को कहा था कि स्कूल ने अनुमति संबंधित कोई भी कागजात मेरे कार्यालय में जमा नहीं किया है । मैंने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को जांच करने के लिए बोला था, जब सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी ट्रिनिटी कान्वेंट स्कूल जांच में गए, तो कोई भी दस्तावेज अनुमति संबंधी नहीं मिला । इस मामले में जल्द ही कार्रवाई करने की बात जिले के शिक्षा अधिकारी ने कही थी । लेकिन 12 सितंबर से आज 21 सितंबर हो गए लेकिन अब जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि मुझे एक सप्ताह का और समय चाहिए उसके बाद कार्रवाई का सोचूंगा ।
ऐसे में सवाल यह खड़े होता है कि जब जिला शिक्षा अधिकारी ही पहले यह कह रहे थे कि स्कूल प्रबंधन ने स्कूल खोलने के लिए कोई दस्तावेज जमा नहीं किया है, तो अभी तक स्कूल क्यों संचालित हो रही है । सवाल यह भी उठता है कि जब मामले में सभी बातें स्पष्ट है, फिर भी जिम्मेदार जिला शिक्षा अधिकारी कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं?
ट्रिनिटी कान्वेंट स्कूल पर होगी कार्रवाई! : बिना अनुमति स्कूल संचालन पर विभाग हुआ सख्त, DEO ने कहा – ‘बिना अनुमति के संचालन नहीं किया जा सकता….नियम नहीं मानने पर FIR कराया जाएगा..’
अन्य लोगों का भी बढ़ेगा हौसला
एक तरफ धीरे-धारे शिक्षा का व्यवसायीकरण हो रहा है, तो दूसरी तरफ ऐसे भी स्कूल है जो बिना अनुमति के संचालित हो रहे हैं । सबसे बड़ी बात यह है कि अगर बिना अनुमति वाले स्कूलों पर विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता है, तो आने वाले दिनों में कई और भी लोग बिना अनुमति के स्कूल खोलेंगे । ऐसे में विभाग को बिना अनुमति वाले स्कूलों पर कार्रवाई करने के साथ एफआईआर भी करवाना चाहिए जिससे एक अच्छा उदाहरण पेश हो और अन्य लोग ऐसा करने से डरे ।
बीईओ ने जांच पूरी कर दी
इस पूरे मामले में जांच के लिए डीईओ ने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा था । बीईओ ने सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए संबधित स्कूल भेजा था । जो साक्ष्य हमारे पास मौजूद है उसके मुताबिक बीईओ ने जांच में साफ कहा है कि स्कूल के पास अनुमति संबंधित कोई कागजात नहीं है । ऐसे में सवाल उठता है कि जिला शिक्षा अधिकारी बार-बार जांच की बात कर तारीख को आगे क्यों बढ़ा रहे है?
इस मामले में शिकायतकर्ता ने पैसे का लेनदेन का अंदेशा जताया है । उनका कहना है कि जब पहले जांच में यह पता चल गया कि स्कूल के पास कोई कागजात नहीं है, तो फिर आखिर डीईओ बार-बार जांच कराकर क्या साबित करना चाहते हैं?