प्रमोद मिश्रा
रायपुर/बलौदाबाजार, 10 अक्टूबर 2022
छत्तीसगढ़ में एक तरफ सरकार गौ वंश के सरंक्षण के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कार्य कर रही है । लेकिन, वहीं दूसरी तरफ कई जगहों से ऐसी तस्वीर भी सामने आते रहती है, जो कई सवाल खड़े करता है । ताजा मामला बलौदाबाजार जिले के कसडोल जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सेल से आया है, जहां लगभग 20 से 25 गौवंश की मृत्यु हो गई है । जानकारी के मुताबिक गांव में कांजी हाउस बनाकर रखा गया था, जहां गौवंश को रखा जाता था । लेकिन, इस जगह पे न खाने के लिए चारे की व्यवस्था थी और न पीने के लिए पानी की । लिहाजा, गौवंश बिना पानी और चारे के कितने दिनों तक अपनी जान बचा पाते । आख़िरकार, गौवंशों की जान चली गई ।
जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत सेल में कांजी हाउस का निर्माण किया गया था । इस कांजी हाउस में गाय जो खेत में चले जाते थे उनको रखा जाता था और जब किसान अपने गायों को कांजी हाउस से छुड़ाकर ले जाते थे, तो उनको पैसे देने पड़ते थे । ताज्जुब की बात है कि जिस जगह पर कांजी हाउस का निर्माण किया गया है, उस जगह की तस्वीर जब आप देखेंगे तो आपको समझ आ जायेगा कि किस प्रकार वहां अव्यवस्था व्याप्त है ।
फिलहाल गौवंशों की मृत्यु के बाद प्रशासन जगा है और मौका स्थल पर जांच की बात की जा रही है । लेकिन, इन सबके बीच सवाल यह उठता है कि जब गांव के जिम्मेदार सरपंच और पंच को इसकी जानकारी थी, तो समय रहते क्यों पानी और चारे की व्यवस्था नहीं कि गई । उस कांजी हाउस को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी गंदगी उस जगह पर थी, तो जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने क्यों इस ओर कदम नहीं उठाया ।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
“मेरे संज्ञान में खबर आई है, वहां 20 से अधिक गौवंशों की मृत्यु हुई है । मैं जांच के लिये जा रहा हूं, जो जिम्मेदार है उनपर कार्यवाही होगी ।”
जे पी वर्मा ( कसडोल जनपद सीईओ)
“कांजी हाउस में 20 से ज्यादा गायों की मृत्यु हुई है, मैं बाहर हूँ, बूढ़ी गायों की मृत्यु हुई है । चारे और पानी की व्यवस्था थी । पंचायत नहीं बल्कि गांव वाले कांजी हाउस का संचालन करते है ।”
प्रहलाद जायसवाल – सरपंच ग्राम पंचायत सेल