स्पेशल स्टोरी
रायपुर, 30 अक्टूबर 2022
चार दिनों तक चलने वाले लोकास्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। इसके पहले 28 अक्तूबर को नहाय खाय के साथ छठ पर्व आरंभ हो गया था, छठ पर्व का दूसरा दिन खरना 29 अक्तूबर को था। आज यानी 30 अक्तूबर को छठ महापर्व में शाम के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद अगले दिन यानी 31 अक्तूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प पूरा होगा।
छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व को कई नामों से जाना जाता है। जैसे डाला छठ, सूर्य षष्ठी और छठ पूजा के नाम से जाना जाता है। छठ का त्योहार मुख्य रूप से भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा और उपासना का त्योहार है। इसमें व्रत रखने वाला व्यक्ति 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखता है और अपनी संतान की लंबी आयु और अरोग्यता के लिए छठी माता से आशीर्वाद प्राप्त करता है। आइए जानते हैं आज छठ पूजा के तीसरे दिन का संध्या अर्घ्य का मुहूर्त और आप अपने शहर में किस शुभ मुहूर्त में संध्या अर्घ्य दे सकते हैं।
छठ पूजा का तीसरा दिन:संध्या अर्घ्य का महत्व
आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है। आज के दिन छठी मइया की पूजा के लिए प्रसाद बनाया जाता है और शाम को सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। लेकिन अर्घ्य देने से पूर्व घाट पर सायं काल में बांस की टोकरी में छठ पूजा में शामिल सभी पूजा सामग्री, फल और पकवान आदि को अर्घ्य के सूप में सजाया जाता है और इसके बाद अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देता हैं। अर्घ्य के समय सभी लोग पवित्र नदी या घाट के किनारे एकत्रित होकर सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं और छठ के प्रसाद से भरे हुए सूप से छठी मइया की पूजा की जाती है।
राजधानी में खासा उत्साह
छत्तीसगढ़ के भी कई हिस्सों में छठ पूजा को लेकर खासा उत्साह लोगों में देखा जा रहा है । सरगुजा के कई इलाकों में छठ को लेकर जबरदस्त उत्साह है, तो राजधानी रायपुर के साथ बिलासपुर में भी खासी तैयारियां की गई है । सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी देर शाम राजधानी रायपुर के महादेव घाट में जाकर पूजा में शामिल होंगे ।
सूर्य देव को अर्घ्य देने की विधि