प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 01 जनवरी 2023
छत्तीसगढ़ में आरक्षण के विषय को लेकर कांग्रेस की जन अधिकार रैली में दो दिन का वक्त बचा है । ऐसे में कांग्रेस पार्टी पूरी तरीके से तैयारी में लगी है कि किसी भी परिस्थिति में लगभग 1 लाख की भीड़ इस रैली में जरूर जुटनी चाहिए । कांग्रेस 3 जनवरी को साइंस कालेज ग्राउंड में जन अधिकार महारैली करेगी। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने रैली से समाज प्रमुखों को जोड़ने का अभियान शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में शनिवार को मरकाम सभी समाज प्रमुखों से प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में मिले और रैली में शामिल होने के लिए समर्थन मांगा। कांग्रेस ने दावा किया है कि 70 से अधिक समाज प्रमुखों ने महारैली को समर्थन दिया है।
मरकाम ने कहा, समाज प्रमुखाें से टेलीफोन पर चर्चा हुई है। लिखित में भी रैली को समर्थन देने और शामिल होने पर सहमति दी है। मरकाम ने कहा, महारैली में प्रदेश के कोने- कोने से एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे और अपने हक एवं अधिकार की बात करेंगे। कांग्रेस के 90 विधानसभा तथा 307 ब्लॉकों के कार्यकर्ता इस रैली में शामिल होंगे। सभी जिलाध्यक्षों एवं कांग्रेस के विधायक अपने क्षेत्र के लोगों के साथ रैली में शामिल होंगे। वहीं दूसरी ओर सतनामी समाज ने महारैली से किनारा कर लिया है।
बैठक में ये हुए शामिल
आदिवासी गोंड समाज, सर्व आदिवासी समाज, सतनामी समाज, प्रगतिशील सतनामी समाज, कुर्मी समाज, चंद्रा समाज, सारथी समाज, मेहर समाज, धीवर समाज, सेन समाज के नेता और संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा भी शामिल हुए ।
जन अधिकार महारैली से प्रगतिशील सतनामी समाज असहमत
सतनामी समाज ने कांग्रेस के जन अधिकार महारैली से किनारा कर लिया है। मरकाम की बैठक में प्रगतिशील सतनामी समाज के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद भतपहरी भी शामिल हुए, लेकिन उन्होंने महारैली पर अपनी असहमति जताई है। बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, सरकार ने विधेयक में एससी के आरक्षण में कटौती की है, जबकि हाईकोर्ट ने 50% की सीलिंग में भी एससी के 16% के आरक्षण को यथावत रखा था। सरकार के नए विधेयक में इसे 13% कर दिया है, जो उचित नहीं है। सरकार को हमारे आरक्षण को 3% बढ़ाकर कुल आरक्षण 79% कर देना चाहिए। साथ ही जरूरत पड़े तो ईडब्ल्यूएस आरक्षण को भी बढ़ा देना चाहिए। सभी वर्गों के साथ न्याय जरूरी है। बताया जा रहा है कि बैठक में सतनामी समाज को छोड़कर सभी समाज के प्रतिनिधियों ने महारैली में शामिल होने की सहमति दी है।