प्रमोद मिश्रा, रायपुर, 8 मई 2023
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में आइएएस आनंद मसीह के जाति प्रमाण पत्र को उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने फर्जी बताया है। उनकी उरांव अनुसूचित जनजाति को लेकर जारी जाति प्रमाण पत्र को निरस्त किया है। 27 फरवरी 2023 को जारी इस रिपोर्ट के बाद अब मसीह की नौकरी खतरे में बताई जा रही है।
कार्रवाई के लिए केंद्र को भेजा जा सकता है प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार उन पर कार्रवाई करने को केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा सकता है। मसीह अभी पुलिस जवाबदेही प्राधिकरण में सचिव हैं। मामले में उच्च स्तरीय छानबीन समिति के सदस्य डीडी सिंह ने कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है
बतादें कि आनंद कुमार मसीह का राज्य प्रशासनिक सेवा में चयन 1991 में हुआ था। जाति संबंधी विवाद के कारण उन्हें तीन साल देर से 2020 में आइएएस अवार्ड हुआ था। इससे पहले 2007 में जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए बनी उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने उरांव अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था।
अफसर मसीह ने हाईकोर्ट की ली थी शरण
इसके खिलाफ मसीह ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने जुलाई 2018 में अपने निर्णय में उच्च स्तरीय समिति के जाति प्रमाण पत्र निरस्तीकरण के आदेश को अपास्त कर दिया था। इस मामले में अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के प्रांताध्यक्ष आरएन ध्रुव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। साथ ही जांच में देर करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की है।