प्रमोद मिश्रा, 16 मई 2023
समस्तीपुर: जिले में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के पत्रकार वार्ता के दौरान सोमवार को बागेश्वर बाबा (Bageshwar Dham) और बीजेपी (BJP) को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यालय पर बागेश्वर बाबा की तस्वीर लग रही है तो ये सवाल आपको बीजेपी से करना चाहिए कि भगवान राम का फोटो लगाने वाले अगर आज धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) का फोटो लगा रहे हैं, तो बीजेपी की तरक्की आप इसी से समझ सकते हैं. बीजेपी का भरोसा भगवान राम पर कम हो गया है तो अब शास्त्री पर भरोसा करेंगे, ये आपको बीजेपी की मानसिकता दिखाता है कि भगवान राम (lord Ram) की फोटो की जगह वो किसकी फोटो लगा रहे हैं?
हर चुनाव अलग होता है- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी को अयोध्या में जो मंदिर बन रहा है, उसका फोटो लगाना चाहिए. बीजेपी को भगवान राम के नाम पर वोट मांगना चाहिए, अब शास्त्री का फोटो क्यों लगा रही है? ये बीजेपी की तरक्की आपको दिखा रहा है. वहीं, कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत पर उन्होंने कहा कि देश का हर चुनाव अलग होता है. 2012 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी जीती थी और 2014 के लोकसभा में बीजेपी 80 में से 73 सीटें जीती. अब यही स्थिति कर्नाटक को लेकर हो रही है इस बार उलट बात हुई है. इस बार कांग्रेस जीती है तो अब ज्यादातर पत्रकार और चुनावी विश्लेषक यही कह रहे हैं कि ये 2024 लोकसभा का संकेत है, लेकिन हर चुनाव अलग होता है.
‘इस परिणाम को आप विस्तारित मत कीजिए’
चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि जो कर्नाटक में जीते हैं उनको बधाई, लेकिन इस परिणाम को आप विस्तारित मत कीजिए क्योंकि 2013 में कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव जीती थी लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी सीट जीत ली थी. 2018 में मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी थी लेकिन जब चार महीने बाद लोकसभा के चुनाव हुए तो वहां बीजेपी ने बाजी मार ली.
आगे के चुनावों में जीत की गारंटी नहीं है- पीके
आगे पीके ने कहा कि किसी राज्य का चुनाव परिणाम ये दिखाता है कि हारने वाली पार्टी ने क्या गलती की है. कर्नाटक में कांग्रेस जीत गई तो लोकसभा में जीतेगी या उत्तर प्रदेश में बीजेपी जीत गई तो लोकसभा में भी जीत जाएगी, ये कहना गलत है. कांग्रेस के कार्यकर्ता ज्यादा उत्साहित न हो, कर्नाटक की जीत आपके लिए अच्छी बात है लेकिन ये जीत आगे के चुनावों में जीत की गारंटी नहीं है.