कर्नाटक में चुनावी सफलता के बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसे लेकर पार्टी अपनी तैयारियों और चुनावी संभावनाओं पर शुक्रवार से दो दिवसीय मंथन शुरू करने वाली थी। हालांकि, फिलहाल इस बैठक को टाल दिया गया है
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कांग्रेस की मध्य प्रदेश और राजस्थान इकाइयां अपनी तैयारियों और उठाए जाने वाले कदमों पर अलग-अलग चर्चा करने वाली थीं। इसके अलावा पार्टी 27 मई को छत्तीसगढ़ पर रणनीतिक बैठक करने वाली। तेलंगाना और मिजोरम के लिए रणनीतिक बैठकें बाद में होंगी। अब बैठक कब होगी? इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
कर्नाटक में जीत से कांग्रेस उत्साहित
दरअसल, कांग्रेस कर्नाटक में अपनी चुनावी जीत से उत्साहित है। कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था। इस बार कर्नाटक में भारी बहुमत के साथ कांग्रेस को 135 सीटें मिलीं। भाजपा को 66 सीटों से संतोष करना पड़ा। इसके अलावा जेडीएस ने 19 और अन्य ने चार सीटें जीतीं।
प्रशांत किशोर के पूर्व सहयोगी करेंगे चर्चा
तारीख तय होने के बाद बैठक का नेतृत्व पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे। चुनाव रणनीतिकार एवं प्रशांत किशोर के पूर्व सहयोगी सुनील कानूगोलू विधानसभा चुनाव के अगले दौर के लिए पार्टी की तैयारियों की रणनीति बनाने के लिए प्रदेश इकाइयों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श का हिस्सा होंगे।
ये लोग शामिल हो सकते हैं
मल्लिकार्जुन खरगे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में इन राज्यों के पार्टी नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगे। राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों, प्रदेश इकाई के प्रमुखों या प्रभारियों और संबंधित राज्यों के वरिष्ठ नेताओं के बैठकों में भाग लेने की उम्मीद है। इस दौरान तेलंगाना, मध्य प्रदेश और राजस्थान से होकर गुजरी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता और इसके प्रभाव पर भी चर्चा हो सकती है।
इन पांच राज्यों में इस साल होने हैं विधानसभा चुनाव
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। यहां पार्टी कर्नाटक वाली रणनीति को दोहराते हुए सत्ता विरोधी लहर और गुटबाजी को दूर करने की उम्मीद कर रही है। पार्टी मध्य प्रदेश में भी वापसी करने के लिए हरसंभव कोशिश करने में जुटी है। पांच राज्यों-राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव साल के अंत तक होने हैं। कांग्रेस इस बार कोई कसर नहीं छोड़ रही है।