प्रमोद मिश्रा, 29 मई 2023
MP News: उज्जैन में रविवार शाम तेज आंधी के चलते महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थापित कई मूर्तियां गिर कर टूट गईं. पिछले साल अक्टूबर में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया था. इस परियोजना की कुल लागत 856 करोड़ रुपये है जिसमें पहले चरण 351 करोड़ रुपये में पूरा हुआ.
रविवार शाम अचानक तूफानी हवाओं के चलते महाकाल लोक में बनी सप्तऋषियों की मूर्तियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. इनमें से कई मूर्तियां जमीन पर गिर गईं तो कई मूर्तियों के हाथ और सिर टूट गए. रविवार होने के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक पहुंचे हुए थे. हालांकि, राहत की बात यह है कि इतने नुकसान के बाद भी किसी श्रद्धालु को चोट नहीं आई.
दरअसल, 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी हैं. इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है.
महाकाल लोक की कई मूर्तियां उखड़कर जमीन पर गिर गईं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था. जिसके बाद देश विदेश से लगातार श्रद्धालु महाकाल लोक को निहारने पहुंचते हैं. लेकिन महाकाल लोक में हुए गुणवत्ताहीन निर्माण की पोल जरूर खुल गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम मौके पर पहुंचे और मूर्तियों को पुनः स्थापित करने के निर्देश दिए.
कलेक्टर का बयान
उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि महाकाल लोक कॉरिडोर में कुल 160 मूर्तियां स्थापित हैं. उनमें से ‘सप्तऋषियों’ की छह मूर्तियां, जो लगभग 10 फीट ऊंची थीं, रविवार शाम 4 बजे के आसपास तेज हवाओं के कारण गिर गईं और क्षतिग्रस्त हो गईं. उन्होंने कहा कि ये क्षतिग्रस्त मूर्तियां महाकालेश्वर मंदिर के अंदर नहीं, बल्कि इसके चारों ओर विकसित महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थित थीं. कॉरिडोर की देखरेख का जिम्मा पांच साल तक इसको बनाने वाली कंपनी के पास ही है, इसलिए मूर्तियों को फिर से स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गुजरात की कंपनियां मूर्तियां बनाने और कॉरिडोर बनाने के काम में लगी हैं.
अब इस घटना ने कांग्रेस को बीजेपी सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है. राज्य के मुख्य विपक्षी दल ने परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और निर्माण की गुणवत्ता की जांच की मांग उठाई है.
अत्यंत करुण दृश्य: कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक ट्वीट में कहा, मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी. आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए.
भ्रष्टाचार की बू आ रही: अरुण यादव
इसके अलावा, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार भगवान को भी नहीं बख्श रही है और महाकाल लोक गलियारे में आज के घटनाक्रम से भ्रष्टाचार की बू आ रही है.