ITR Filing: टैक्स फाइलिंग में की बस इत्ती सी गलती और दो कंपनियों के डायरेक्टर पहुंच गए जेल

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नई दिल्ली: अमूमन लोग टैक्स से जुड़े मामलों को हल्के में लेते हैं। लेकिन टैक्स फाइल करने में देरी किसी को जेल भी पहुंचा सकती है। इसकी मिसाल मुंबई में देखने को मिली। वहां जावेरी बाजार की दो जूलरी कंपनियों के दो डायरेक्टर्स को इनकम टैक्स फाइल (ITR file) करने में लगातार देरी के कारण छह महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। ये सजा एक ही तरह के दो अलग-अलग मामलों में सुनाई गई। दोनों मामले एक ही एसेसमेंट ईयर के थे। मजिस्ट्रेट ने इसे दुर्लभ मामला बताते हुए दोनों को कड़ी सजा दी। सरकारी वकील ने दोनों को आदतन अपराधी बताते हुए कहा कि दोनों के खिलाफ एक ही तरह का केस है। मुंडे ने दोनों को अधिकतम सजा देने की मांग की थी।

आरोपी जितेंद्र जैन और किरण जैन जूलरी कंपनी सलोनी ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स येलो ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। हालांकि उन्होंने करीब 4.5 करोड़ रुपये की राशि जमा कर दी थी लेकिन कोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं दी। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा कि आरोपियों ने एसेसमेंट ईयर 2014-15 के लिए रिटर्न फाइल नहीं किया। हालांकि बाद में इसे भरा गया लेकिन इस पर यहां विचार नहीं किया जा सकता। आरोपी कंपनी के डायरेक्टर हैं और उन्होंने इससे इन्कार नहीं किया है। इसलिए डिफॉल्ट के लिए वे जिम्मेदार हैं। उनका दोष साबित होता है।

आरोपियों का तर्क
आरोपियों का कहना था कि उन्होंने जानबूझकर डिफॉल्ट नहीं किया था। लेकिन मजिस्ट्रेट ने कहा कि आरोपी इसे साबित करने में नाकाम रहे। यह फैसला अप्रैल में सुनाया गया था लेकिन इसकी डिटेल कॉपी पिछले हफ्ते सामने आई। कोर्ट में अपील के बाद दोनों को अस्थाई जमानत मिल गई। इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक 2018 में किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई कि येलो ज्वेलर्स ने एक करोड़ रुपये का प्रॉफिट और 52 लाख रुपये की टैक्स देनदारी दिखाई थी। इसी तरह सलोनी ज्वेलर्स का प्रॉफिट 6.83 करोड़ रुपये और कर देनदारी 3.91 करोड़ रुपये थी।

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