सब्जी मंडी में टमाटर का भाव इन दिनों लोगों को रुला रहा है। देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार हो गई है। यहां तक कि थोक मंडियों में इसके भाव 60 रुपये से 80 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। बाजार के जानकारों के अनुसार बीते एक हफ्तों के दौरान ही बाजार में टमाटर की कीमतें दोगुना और कहीं-कहीं उससे भी ज्यादा हो गईं हैं। गाजियाबाद की थोक सब्जी मंडी से टमाटर खरीद कर खुदरा बाजार में बेचने वाले सचिन बताते हैं कि पिछले हफ्ते जो टमाटर बाजार में अपनी क्वालिटी के हिसाब से 30 से 40 रुपये के भाव पर बिक रहा था उसकी कीमतें अब 70 से 90 और कहीं-कहीं सौ रुपये किलो तक पहुंच गईं हैं।
देश के कई राज्यों में बीते कुछ समय से टमाटर की कीमतें आसमान पर
टमाटर की कीमतों का आसमान छूता भाव सिर्फ दिल्ली-एनसीआर के बाजार में नहीं है, उत्तर प्रदेश के अलावे महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में भी बीते कुछ हफ्तों के दौरान टमाटर की कीमतो में बेहिसाब बढ़ोतरी हुई है। बाजार के जानकारों का कहना है कि महज एक महीने पहले तक उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में टमाटर दो रुपये प्रति किलोग्राम से आठ रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रहा था। पर जैसे की मानसून की पहली बारिश की खबरें आईं सबसे पहले टमाटर की कीमतों में ही बढ़ोतरी होनी शुरू हो गईं। कुछ मीडिया मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि बीते एक से दो महीने के दौरान टमाटर की कीमतों में 1900% तक का इजाफा हुआ है।
60 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा टमाटर
फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में टमाटर अपनी क्वालिटी के हिसाब से 60 रुपये प्रति किलोग्राम से 100 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रहा है। मध्यप्रदेश में भी टमाटर की कीमतें 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गईं हैं। यहां तक की टमाटर का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाले राज्यों बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं।
कहीं बारिश तो कहीं गर्मी से प्रभावित हुई मंडियों में टमाटर की आवक
जानकार मानते हैं कि बिपरजॉय तूफान के कारण हुई बारिश से एक तरफ महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में टमाटर की फसल प्रभावित हुई है तो दूसरी ओर बिहार और पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी के कारण भी टमाटर की फसल का नुकसान हुआ है। इसके परिणामस्वरूप देश के कई राज्यों की मंडियों में टमाटर की आवक कम हो गई, जिससे कीमतें रातों-रात आसमान छू गईं। दूसरी ओर मॉनसून की बारिश शुरू होने से भी टमाटर की फसल प्रभावित हुई। टमाटर ही नहीं मंडियों में अन्य हरी सब्जियों की कीमतों में भी उछाल देखा जा रहा है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि कुछ राज्यों में अगले एक दो महीनों जब टमाटर व अन्य सब्बियों की नई खेप की आवक बढ़ेंगी कीमतों में राहत मिलगी।