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आज है अधिक मास अमावस्या, पितृ दोष शांति के लिए करें 4 उपाय, जीवन में आएगी खुशहाली और तरक्की

प्रमोद मिश्रा, 16 अगस्त 2023

अधिक मास अमावस्या 16 अगस्त दिन बुधवार को है. 15 अगस्त मंगलवार को अधिक मास की दर्श अमावस्या है. अधिक मास की अमावस्या तिथि आज दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से शुरू हो रही है और यह कल 16 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 07 मिनट तक ही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आमवस्या तिथि पर सभी पितर पृथ्वी पर आते हैं ताकि उनकी संतान उनको जल, अन्न, दान, भोजन आदि से तृप्त कर दें. जो लोग पितरों को तृप्त नहीं करते हैं, उनको पितृ दोष का भागी बनना पड़ता है. इसके कारण उनकी तरक्की और सफलता रूक जाती है. घर में हमेशा क्लेश रहता है.

पितृ दोष की शांति के लिए अमावस्या के दिन पिंडदान, जल से तर्पण, श्राद्ध कर्म, पंचबलि कर्म आदि किए जाते हैं. इनके अलावा भी कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनको करने से आप पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं पितृ दोष शांति के उपाय

पितृ दोष शांति के 4 आसान उपाय
1. अधिक मास अमावस्या पर आप भगवान हरिहर की पूजा करें. भगवान हरिहर का तात्पर्य श्रीहरि विष्णु और भगवान महादेव से है. यह सावन की अधिक मास अमावस्या है. सावन शिव जी का प्रिय है और अधिक मास के प्रतिनिधि देव भगवान विष्णु हैं. ये दोनों ही देव मोक्ष के दाता हैं. 16 अगस्त को प्रात: स्नान और तर्पण के बाद भगवान शिव और विष्णु जी का पूजन विधि विधान से करें.

2.पितृ दोष मुक्ति का मंत्र: अमावस्या के अवसर पर आप पितृ दोष से शांति के लिए कुछ मंत्रों का जाप कर सकते हैं. ये मंत्र आपके नाराज पितरों को शांत करेंगे और उनसे होने वाले दोषों को दूर करेंगे. भगवान विष्णु का मंत्र तो पितरों को मोक्ष देने वाला है.1. ओम नमो भगवते वासुदेवाय2. ओम श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः3. ओम प्रथम पितृ नारायणाय नमः

3.पितृ दोष मुक्ति के लिए करें दिव्य पितर की पूजा: दिव्य पितरों में प्रमुख रूप से चार देव हैं. उनमें यमराज, अर्यमा, काव्यवाडनल और सोम दिव्य पितर हैं. इनमें भी अर्यमा के पितरों का देव कहते हैं. ये चार देव ही मृत्यु के बाद कर्मों के आधार पर जीवात्मा के फल का निर्धारण करते हैं.

4.अर्यमा की पूजा करने से पितर प्रसन्न होंगे. पूजा के समय ओम अर्यमा न त्रिप्य्ताम इदं तिलोदकं तस्मै स्वधा नमः…ओम मृत्योर्मा अमृतं गमय मंत्र का जाप करें. पितरों का कल्याण होगा और आप पितृ दोष से मुक्त हो सकते हैं.

अभी सावन का महीना चल रहा है. ऐसे में आप भगवान शिव को ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए बेलपत्र, आक के 21 फूल और कच्ची लस्सी चढ़ाएं. शिव जी के आशीर्वाद से पितृ दोष शांत होगा और आपके परिवार की उन्नति होगी. कार्य में सफलता प्राप्त होगी. घर में खुशहाली आएगी. इस उपाय को 16 सोमवार करें तो और अच्छा है.

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