जम्मू। भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी को श्रीराधाष्टमी मनाई जाती है। श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि धर्मग्रंथों के अनुसार शुक्रवार दोपहर 1ः36 पर भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि शुरू हो गई है जो अगले दिन यानी आज दोपहर 12ः18 तक रहेगी। अष्टमी तिथि मध्याह्न काल को स्पर्श नहीं कर रही, इसलिए शास्त्र मत के अनुसार 23 सितंबर को श्रीराधाष्टमी व्रत एवं पूजन किया जाएगा। पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 11ः01 से लेकर दोपहर 1ः10 तक रहेगा। श्रीराधा द्वापर युग में प्रकट हुईं, उनका प्राकट्य मथुरा के रावल गांव में वृषभानु की यज्ञ स्थली के पास हुआ।
राजा वृषभानु और उनकी पत्नी कीर्ति ने इस कन्या को पुत्री मानकर पालन पोषण किया था। इस दिन राधा रानी, भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए। श्रीराधाष्टमी व्रत एवं पूजन करने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है। घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है तथा संतान प्राप्ति होती है और घर में सदा ही लक्ष्मी का वास रहता है। इस दिन दधीचि जयंती भी है।