प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 22 फरवरी 2024
छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने स्पष्ट किया है कि भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-3 के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त नवीन व ऑनगोईंग प्रोजेक्ट्स को प्रोजेक्ट में यूनिट्स को किसी भी रीति से विज्ञापित, विपणित, बुक या उसका विक्रय या विक्रय करने की प्रस्थापना अथवा क्रय करने के लिये व्यक्तियों को आमंत्रित करने के पूर्व प्रोजेक्ट का छत्तीसगढ़ रेरा में पंजीयन कराना अनिवार्य है। रेरा के रजिस्टार ने बताया कि उक्त प्रावधान का उल्लघंन किये जाने की स्थिति में रेरा अधिनियम की धारा-59 अंतर्गत प्रोजेक्ट लागत के 10 प्रतिशत तक की शास्ति अधिरोपित किये जाने एवं 03 वर्ष तक के कारावास का भी प्रावधान है। राज्य के चार जिलों (रायपुर, विलासपुर, कवर्धा, कांकेर) में विगत पाँच वर्षों में जारी की गई विकास अनुज्ञाओं के प्रथम दृष्टया अवलोकन से यह संज्ञान में आया है कि लगभग 157 ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं, जिन्होंने प्रोजेक्ट्स की मार्केटिंग व विक्रय के उद्देश्य से विकास अनुज्ञा प्राप्त करने के उपरांत भी प्रोजेक्ट को छत्तीसगढ़ रेरा में पंजीकृत नहीं कराया है।
प्राधिकरण द्वारा उनको नोटिस भी जारी किया जा रहा है। साथ ही प्राधिकरण को नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालयों से प्राप्त जानकारी के अवलोकन से यह भी प्रतीत हो रहा है कि उक्त श्रेणी के प्रोजेक्ट्स की संख्या और अधिक भी होने की भी संभावना है। ऐसे रेसीडेन्शियल एवं कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स व प्रमोटर्स द्वारा अधिनियम के प्रावधानों व प्राधिकरण के निर्देशों का लगातार उल्लघंन किया जाना परिलक्षित हो रहा है। प्राधिकरण ने उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण व अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन कराये जाने के उद्देश्य से ऐसे 157 प्रमोटर्स के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर कठोर कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया गया है। ताकि ऐसे प्रोजेक्ट में भवन/भूखंड क्रय करने वाले उपभोक्ताओं को भविष्य में किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े। प्राधिकरण द्वारा अगले चरण में राज्य के अन्य जिलों में स्थित नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालयों से जारी की गई विकास अनुज्ञाओं की जानकारी मँगायी जा रही है। प्राधिकरण द्वारा उक्त जानकारी का सुक्ष्म अवलोकन करने उपरांत रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास एवं विक्रय से संबंधित अनुज्ञा प्राप्त करने उपरांत भी छत्तीसगढ़ रेरा में अपंजीकृत प्रोजेक्ट्स के प्रमोटर्स के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जावेगी।