प्रमोद मिश्रा
कटगी/बलौदाबाजार, 08 अक्टूबर 2024
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कटगी के जोंक नदी का सीना चीरने और अवैध रेत उत्खनन करने की होड़ सी मची है । दिन के उजियारे से लेकर रात के अंधेरे में बड़ी मशीनें लगाकर रेत के अवैध तस्कर आराम से रेत का उत्खनन कर रहे हैं । इतने धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन होने से कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि अगर इतनी तेज गति से रेत का उत्खनन होगा तो फिर आने वाले दिनों में पानी की समस्या भी होने लगेगी ।
रेत के अवैध उत्खनन से ग्रामीण भी परेशान है । ग्रामीणों को आने वाले भविष्य की चिंता सता रही है लेकिन प्रशासनिक उदासीनता को देखते हुए उन्हें भी लगता है कि कोई कार्रवाई, तो तस्करों पर होगी नहीं ।
दिन के उजियारे से लेकर रात के अंधेरे में उत्खनन
कटगी के जोंक नदी में रात के अंधेरे में बड़ी मशीनें लगाकर रेत उत्खनन हो रहा है । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रात में पोकलेन और जेसीबी जैसी बड़ी मशीनें लगाकर तस्कर नदी का सीना चीर रहे हैं । वहीं दिन के उजियाले में ट्रैक्टरों की लम्बी कतार नदी में देखी जा सकती है । तस्करों को देखकर लगता है कि इन्हें किसी का भी कोई डर नहीं है ।
अवैध रेत उत्खनन न केवल हमारे प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुँचा रहा है, बल्कि इससे नदियों की पारिस्थितिकी तंत्र भी खतरे में पड़ गई है। कटगी में अवैध उत्खनन के कारण नदी के किनारे लगातार कटाव हो रहे हैं। इसके अलावा, इस अवैध गतिविधि से स्थानीय किसानों और मछुआरों की रोज़ी-रोटी भी खतरे में है।
सरकार की सख्त नियमों के बावजूद अवैध रेत उत्खनन पर अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। कई बार स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत के आरोप भी लगते हैं। रेत माफिया नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए रातों-रात रेत निकालते हैं, और इस अवैध व्यापार से करोड़ों का मुनाफा कमाया जा रहा है ।
पर्यावरण विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
“अवैध रेत उत्खनन से न केवल नदियों का जल स्तर गिर रहा है, बल्कि इससे जैव विविधता को भी गंभीर खतरा है। जल संकट भी बढ़ सकता है और भविष्य में यह एक बड़ी समस्या बन जाएगी ।”
यह एक गंभीर मुद्दा है, और इसे हल करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझना और इस तरह के अवैध कार्यों को रोकने के लिए कड़े कानूनों का पालन करना बेहद जरूरी है।