प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 14 अक्टूबर 2024
छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों की सीमा पर हुई भीषण मुठभेड़ में कुल 35 माओवादी मारे गए हैं। नक्सलियों की पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर इसकी पुष्टि की है। इस मुठभेड़ को अब तक के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस ने अब तक 31 माओवादियों के शव बरामद किए हैं, जबकि 4 शवों को नक्सली अपने साथ ले गए, जिनका अबूझमाड़ के जंगलों में अंतिम संस्कार किया गया।
प्रेस नोट के अनुसार, 4 अक्टूबर की सुबह तक जवानों ने नक्सलियों को घेर लिया था, जिसके बाद सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 11 बजे तक अलग-अलग स्थानों पर मुठभेड़ हुई। नक्सलियों ने जब खुद को घिरा हुआ पाया, तो उन्होंने लगातार मूवमेंट किया, लेकिन हर तरफ से घेराबंदी होने के कारण मारे गए।
नक्सली लीडर्स का आरोप है कि 14 साथी दिन में मारे गए, जिनके शव पुलिस ने कब्जे में ले लिए, जबकि रात में 17 अन्य नक्सलियों को पकड़ने के बाद मार दिया गया। इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने लूटे गए हथियार, AK-47 और अन्य गोला-बारूद भी बरामद किए हैं, जिनमें से कुछ हथियार 2003 और 2016 में नक्सली हमलों के दौरान छीने गए थे।
सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में नक्सलियों की कंपनी नंबर 6 के 50 से अधिक मेंबर्स की सटीक जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर अफसरों ने विस्तृत प्लानिंग की। ऑपरेशन के तहत करीब 1,000 से अधिक DRG और STF के जवानों को शामिल किया गया, जिन्होंने दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों की सीमाओं से घेराबंदी कर माओवादियों पर हमला बोला। लगातार हो रही बारिश के कारण नक्सली एक पहाड़ पर ठिकाना बनाकर रुके हुए थे, जिसका फायदा उठाकर जवानों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहले दावा किया था कि 2026 तक बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। इस ऑपरेशन के बाद शाह के दावे को बल मिला है, क्योंकि पिछले 9 महीनों में 188 नक्सलियों को मार गिराया गया है।