प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 14 अक्टूबर 2024
रायपुर और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने गैंगस्टर अमन साहू को सोमवार सुबह रायपुर कोर्ट में पेश किया। उसे न्यायाधीश भूपेश कुमार बसंत की अदालत में प्रस्तुत किया गया। रायपुर पुलिस ने एक दिन पहले उसे प्रोडक्शन वारंट के तहत झारखंड से गिरफ्तार किया था। करीब 40 पुलिसकर्मियों की टीम ने उसे रायपुर लाया।
अमन साहू व्यापारी प्रहलाद राय अग्रवाल पर हुई फायरिंग का मुख्य आरोपी है। यह घटना तेलीबांधा इलाके में 13 जुलाई को हुई थी, जब अमन साहू के सहयोगियों ने प्रहलाद राय की कंपनी PRA कंस्ट्रक्शन के ऑफिस पर गोलियां चलाई थीं। इस घटना में लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आया है।
व्यापारी पर फायरिंग के मामले में पूछताछ के लिए अमन साहू को कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस उसे रिमांड पर लेकर और पूछताछ करेगी।
रायपुर पुलिस को अमन साहू को रायपुर लाने में पांच प्रयास करने पड़े। चार बार पहले उसके ट्रांसफर की अनुमति नहीं मिली थी। अंततः शनिवार को दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद ट्रांसफर को मंजूरी मिली और रविवार शाम को अमन साहू को रायपुर लाया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ACCU प्रभारी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम झारखंड गई थी। इसके अलावा, 30 सदस्यीय झारखंड पुलिस की टीम भी आधुनिक हथियारों से लैस होकर अमन साहू को रायपुर लाने में शामिल हुई। अमन साहू को कोर्ट में पेश किया गया और पुलिस उसे रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ करेगी।
अमन साहू को 2019 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह उसी साल 29 सितंबर को फरार हो गया था। पुलिस ने उसे तीन साल बाद जुलाई 2022 में फिर से गिरफ्तार किया। वर्तमान में वह झारखंड के गिरिडीह जेल में बंद है। साहू का गिरोह उन्नत हथियारों के साथ कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता है।
अमन साहू का गैंग झारखंड के कई जिलों में सक्रिय है, जिनमें धनबाद, रांची, रामगढ़ और हजारीबाग शामिल हैं। उसका गैंग कोयला खनन कंपनियों, कोयला व्यापारियों और परिवहन क्षेत्र के व्यवसायियों को निशाना बनाता है। जबरन वसूली करने और इनकार करने पर उसके साथी गोलीबारी कर देते हैं।
अमन साहू मात्र 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में आया था और उसके खिलाफ 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। 9 मई 2023 को उसने NTPC कोल प्रोजेक्ट आउटसोर्सिंग कंपनी ऋत्विक के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद कुमार की हत्या करवाई थी, जब 60 करोड़ रुपये की वसूली का भुगतान नहीं किया गया।
अमन साहू को पिछले ढाई वर्षों में नौ बार विभिन्न जेलों में स्थानांतरित किया गया है, क्योंकि झारखंड पुलिस उसके जेल से संचालित होने वाले अपराधों को नियंत्रित नहीं कर पा रही थी। जेल में रहते हुए भी वह अपने गिरोह की गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।
छह महीने पहले एटीएस को दी गई CID रिपोर्ट के अनुसार, अमन साहू के गिरोह में 145 सदस्य हैं, जिनमें से 99 जेल के बाहर हैं। गिरोह के पास 250 से अधिक हथियार हैं, जिनमें पांच AK-47 राइफल्स भी शामिल हैं। अमन साहू की गिरफ्तारी के बाद उसके सहयोगी मयंक सिंह गिरोह का संचालन कर रहे हैं।
रायपुर पुलिस अब तक व्यापारी प्रहलाद राय अग्रवाल पर हुई फायरिंग के मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। ये गिरफ्तारियां झारखंड और हरियाणा से की गई थीं।
अमन साहू के गिरोह द्वारा छत्तीसगढ़ में व्यापारी प्रहलाद राय अग्रवाल को निशाना बनाने की यह दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले, राजस्थान के अपराधी सुनील मीणा के माध्यम से उसके गिरोह ने झारखंड में कोयला परिवहन में शामिल व्यवसायी सुशील सिंघल के ऑफिस पर इसी तरह का हमला करवाया था।