रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान: गरीबों और मिडिल क्लास के लिए 12 हजार जनरल कोच तैयार, महाकुंभ के लिए 13 हजार स्पेशल ट्रेनें बोले -“रेलवे में निजीकरण का सवाल ही नहीं”

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ब्यूरो रिपोर्ट

नई दिल्ली, 12 दिसंबर 2024

देशभर में करोड़ों लोग भारतीय रेल से सफर करते हैं। रोजाना एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। कइयों को तो टिकट मिल जाता है, लेकिन कुछ को सीटों की कमी की वजह से नहीं मिलता। ऐसे में अब भारतीय रेलवे का पूरा मिडिल क्लास और गरीब जनता पर है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में इसको लेकर बड़ा ऐलान भी किया है, जोकि करोड़ों भारतीयों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है।

 

 

 

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया है कि रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडिल क्लास परिवार पर है। करीब 12 हजार जनरल कोच बनाए जा रहे हैं। इस वित्त वर्ष में 900 जनरल कोच एक्स्ट्रा जोड़े जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि छठ और दिवाली के फेस्टिवल सीजन में विशेष रूप से, 7900 स्पेशल ट्रेन चलाई गईं एवं 1 करोड़ 80 लाख पैसेंजर्स ने बिना किसी दिक्कत के इन ट्रेनों से यात्रा की।

रेल मंत्री ने बताया कि महाकुम्भ आ रहा है, महाकुम्भ के लिए 13,000 ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। गरीबों के लिए, मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बहुत फोक्सड-वे में रेलवे का माननीय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काम चल रहा है । उन्होंने कहा, ”एक नई जो ट्रेन डेवलप की गई अमृत भारत ट्रेन, इसमें वही टेक्नोलॉजी है जो कि वंदे भारत ट्रेन में है। दोनों ट्रेन करीब – करीब 10 महीनें चल चुकी हैं उसी अनुभव के आधार पर 50 और ट्रेनों का प्रोडक्शन प्लान ले लिया गया है।”

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रेल मंत्री के अनुसार, रेलवे सुरक्षा पर पूरा जोर दिया गया है और व्यापक पैमाने पर काम हुआ है। मंत्री ने कहा कि 1.23 लाख किलोमीटर लंबी पुरानी पटरियों को बदला गया है तथा नई प्रौद्योगिकी का सहारा भी लिया गया है। वैष्णव ने कहा, ”हम हर घटना की जड़ में जाते हैं और प्रक्रिया, तकनीक समेत जहां भी बदलाव जरूरी हो, वह करके रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने तथा ट्रेन हादसों की संख्या को कम करेंगे और सुरक्षा बढ़ाएंगे। इसके लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।” वैष्णव ने कहा, ”बहुत स्पष्ट तौर पर बताना चाहता हूं कि कानूनी ढांचे में सरलीकरण के लिए यह विधेयक लाया गया है। रेलवे बोर्ड का कानून 1905 में बना था। 1905 और 1989 के रेलवे संबंधी कानूनों की जगह एक ही कानून होता है तो आसानी होती है।”

वहीं, अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को विपक्षी दलों को भारतीय रेल के निजीकरण का फर्जी विमर्श गढ़ने के विरुद्ध आगाह करते हुए कहा कि इस परिवहन सेवा के निजीकरण का प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने लोकसभा में ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि भारतीय रेल का पूरा ध्यान गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर है, वहीं युवाओं को रेलवे में अवसर देने के उद्देश्य से इस समय 58,642 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। विधेयक पर गत चार दिसंबर को सदन में चर्चा में भाग लेते हुए कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार पर रेलवे के निजीकरण की दिशा में बढ़ने का आरोप लगाया था। चर्चा में 72 सांसदों ने भाग लिया था। पिछले कई दिन से विभिन्न मुद्दों पर सदन में गतिरोध के कारण रेल मंत्री का जवाब नहीं हो सका था।

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बुधवार को रेल मंत्री वैष्णव के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’ को पारित कर दिया। वैष्णव ने चर्चा के जवाब में कहा, ”कई सदस्यों ने निजीकरण होने का विमर्श बनाने की कोशिश की। कृपया फर्जी विमर्श बनाने की कोशिश मत करिए। आपका संविधान वाला फर्जी विमर्श विफल हो चुका है। अब कोई फर्जी विमर्श नहीं गढ़ें।” उनका कहना था, ”कहीं निजीकरण का कोई प्रश्न नहीं है। मैं हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि कृपया इस फर्जी विमर्श को आगे नहीं बढ़ाएं। रक्षा और रेलवे दो ऐसे विषय हैं, जिन्हें राजनीति से दूर रखकर इन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है।”

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