भिलाई, 17 दिसंबर 2024| भिलाई के अपना केसरी लॉज और केसरी लॉज में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर पुलिस ने छापा मारा। पुलिस को जानकारी मिली थी कि बिना किसी सूचना के बाहरी राज्यों से आए लोगों को इन लॉजों में ठहरने के लिए आश्रय दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने बाहरी संदिग्धों के खिलाफ धारा 128 बीएनएसएस के तहत कार्रवाई की, साथ ही लॉज प्रबंधकों पर भी निरोधात्मक कार्रवाई की गई। दोनों लॉज को सील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
16 दिसंबर की रात पावर हाउस स्थित अपना केसरी लॉज एवं केसरी लॉज में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला के निर्देश पर हरीश पाटिल, नगर पुलिस अधीक्षक, सुखनंदन राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर दुर्ग छावनी, हेमप्रकाश नायक, उप पुलिस अधीक्षक कैम, निरीक्षक कपिल देव पांडे, थाना प्रभारी जामुल, निरीक्षक महेश ध्रुव, थाना प्रभारी पुरानी भिलाई, निरीक्षक अंबर सिंह भारद्वाज, थाना प्रभारी खुर्सीपार, निरीक्षक तपेश्वर सिंह नेताम, प्रभारी एसीसीयू, उप निरीक्षक वरुण देवता, छावनी और डिफेंस पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से छापामार कार्रवाई की।
पुलिस ने लॉज में ठहरे लोगों की जांच की तो यह पाया कि लॉज प्रबंधकों ने बाहरी लोगों को बिना किसी सूचना के आश्रय दिया। इन लोगों के बारे में न तो कैंटोनमेंट पुलिस स्टेशन को कोई सूचना दी गई थी, न ही लॉज में ठहरे व्यक्तियों ने अपने विवरण थाने में दर्ज कराए थे। इसके अलावा, यात्रा पंजीकरण भी मौजूद नहीं था। रजिस्टर की जांच करने पर, यह पाया गया कि ठहरने वाले व्यक्तियों के सत्यापन के लिए कोई ठोस जानकारी दर्ज नहीं की गई थी।
इस कार्रवाई में कुल 29 संदिग्ध लोग पाए गए, जिनमें पुणे (महाराष्ट्र) से एक, दरभंगा (बिहार) से छह, सिरसा (हरियाणा) से एक, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) से छह, गोपालगंज (बिहार) से एक, सुलतानपुर (उत्तर प्रदेश) से तीन, मेदिनापुर (पश्चिम बंगाल) से एक, बड़कुल्ला (नोडिया) से एक, और बोकारो (झारखंड) से तीन लोग शामिल हैं। इन सभी पर धारा 128 बीएनएसएस के तहत निवारक कार्रवाई की गई है।
लॉज के प्रबंधक संजीव गुप्ता (केसरी लॉज) और हर्षदीप सिंह (अपना केसरी लॉज) के खिलाफ धारा 170 बीएनएसएस के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है, और दोनों को जेल भेज दिया गया है। इसके अलावा, लॉज में संचालित संदिग्ध गतिविधियों को लेकर थाना प्रभारी छावनी ने अपना केसरी लॉज और केसरी लॉज को सील करने के लिए अनुविभागीय दंडाधिकारी को रिपोर्ट भेजी है।
पुलिस ने इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट किया है कि यदि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों में कोई भी शामिल पाया जाता है, तो ऐसे लोगों और संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।