प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 31 जनवरी 2025
छत्तीसगढ़ के वन और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा ‘बेचारी’ (Poor Lady) शब्द के प्रयोग पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे कांग्रेस की महिला शक्ति और आदिवासी समाज के प्रति निकृष्ट सोच और राजनीतिक चरित्र का परिचायक बताया है।
केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के नेता लगातार मातृशक्ति, जनजातीय समाज और अन्य वर्गों को अपमानित कर रहे हैं। सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति के लिए “बेचारी” शब्द का उपयोग न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि यह कांग्रेस की आदिवासी समाज के प्रति घृणा को उजागर करता है।
“कोई भी आदिवासी बेचारा नहीं होता”
केदार कश्यप ने कहा कि आदिवासी समाज ने देश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 1857 के स्वाधीनता संग्राम से भी पहले से आदिवासियों ने विदेशी दासता के खिलाफ संघर्ष किया है। उनके बलिदान और योगदान को किसी भी तरह से कम करके नहीं आंका जा सकता।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आदिवासी समाज को नीचा दिखाने का काम किया है। इससे पहले भी कांग्रेस के एक नेता ने राष्ट्रपति को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर अपमानित किया था, लेकिन पार्टी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। यही नहीं, राष्ट्रपति चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ दौरे पर आईं द्रौपदी मुर्मू का कांग्रेस ने विरोध कर अपनी विकृत मानसिकता का प्रदर्शन किया था।
“कांग्रेस शर्म करे और माफी मांगे”
कश्यप ने छत्तीसगढ़ की जनता से कांग्रेस को सबक सिखाने की अपील करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस में थोड़ी भी शर्म बची है, तो भूपेश बघेल, दीपक बैज समेत तमाम कांग्रेस नेताओं को सोनिया गांधी की अभद्र भाषा के लिए कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा छत्तीसगढ़ की जनता उन्हें बहुत बड़ी सजा देगी।