प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 05 मार्च 2025
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज सातवां दिन है, जिसमें राज्य की नीतियों, वित्तीय स्थिति और विभिन्न विभागों की योजनाओं को लेकर गहन चर्चा होगी। प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय समेत मंत्री केदार कश्यप और टंकराम वर्मा के विभागों से जुड़े सवालों पर विचार किया जाएगा। आबकारी, शिक्षा, वन और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभागों के कार्यों की समीक्षा भी होगी। सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है, क्योंकि कई जनहित से जुड़े मुद्दे चर्चा के लिए रखे गए हैं।
सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में सिकल सेल मरीजों के इलाज की सुविधा को लेकर विशेष चर्चा की जाएगी। राज्य में इस बीमारी से पीड़ित लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं देने के लिए सरकार किन कदमों पर काम कर रही है, इसे लेकर सवाल-जवाब होंगे। इसके अलावा, श्रवण बाधित विद्यालय, आड़ावाल (जगदलपुर) की स्थिति पर भी विधानसभा में विचार-विमर्श होगा। राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए वर्ष 2025-26 के बजट पर भी मंथन किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आगामी वित्त वर्ष में किन क्षेत्रों को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है।
सोमवार को राज्य के वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ का आम बजट 2025-26 विधानसभा में प्रस्तुत किया। इस बजट में राज्य के लोगों के उत्थान और उन्हें सीधे तौर पर रोजगार से जोड़ने के लिए 10 नई योजनाओं की घोषणा की गई। इन योजनाओं में मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना, मुख्यमंत्री मोबाइल टावर योजना, मुख्यमंत्री परिवहन योजना, मुख्यमंत्री बायपास एवं रिंग रोड निर्माण योजना, मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना, मुख्यमंत्री गवर्नेंस फेलोशिप, सियान केयर योजना, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, अटल सिंचाई योजना और एसएसआईपी (छात्र स्टार्टअप और नवाचार नीति) का क्रियान्वयन शामिल हैं। इसके अलावा, सरकार ने राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के साथ मिलकर छात्र कौशल कार्यक्रम और वित्तीय निवेश प्रशिक्षण योजना की भी घोषणा की है, जिससे राज्य के युवा आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
बजट सत्र के इस चरण में सरकार और विपक्ष के बीच जोरदार बहस देखने को मिल सकती है। विपक्ष सरकार की विभिन्न योजनाओं, बजट आवंटन और विकास कार्यों को लेकर सवाल खड़े कर सकता है। वहीं, सरकार अपनी उपलब्धियों और आगामी योजनाओं को सामने रखकर जवाब देगी। आगामी दिनों में बजट से जुड़े और भी कई अहम मुद्दे उठाए जाने की संभावना है, जिस पर राज्य की जनता की निगाहें टिकी हुई हैं।