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चैत्र मास 2025: नववर्ष की शुरुआत, धार्मिक आस्था, व्रत-त्योहारों की लंबी सूची और सेहत के लिए जरूरी नियम, जानिए क्या करें और क्या न करें!

प्रमोद मिश्रा

धर्म विशेष, 21 मार्च 2025

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीना बहुत खास होता है, क्योंकि इसे नववर्ष की शुरुआत माना जाता है। यह मास होली के बाद आरंभ होता है और इस बार चैत्र मास 15 मार्च 2025 से शुरू हो गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्माजी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। इस दिन भगवान विष्णु ने अपना पहला मत्स्य अवतार धारण कर प्रलयकाल में मनु की नौका को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था।

 

चैत्र माह का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

  • सूर्य की उपासना: इस महीने सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करता है, जिससे शक्ति और ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • सेहत का ध्यान: सूर्योदय से पहले उठकर ठंडे पानी से स्नान करना और उगते सूर्य को अर्घ्य देना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।
  • दान और पुण्य: इस माह में पेड़-पौधों में जल अर्पित करना और जरूरतमंदों को लाल फल दान करना शुभ माना जाता है।

चैत्र माह में क्या न करें?

  • दूध का सेवन कम करें, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • 15 दिन तक नमक का त्याग करें, खासतौर से हाई बीपी मरीजों को।
  • तली-भुनी चीजों से बचें, और तरल पदार्थ व फलों का सेवन अधिक करें।

चैत्र माह में आने वाले व्रत और त्योहार

  • 15 मार्च 2025 – चैत्र मास प्रारंभ
  • 16 मार्च 2025 – भाई दूज
  • 17 मार्च 2025 – भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी
  • 19 मार्च 2025 – रंग पंचमी
  • 21 मार्च 2025 – शीतला सप्तमी
  • 22 मार्च 2025 – शीतला अष्टमी, बसोड़ा, कालाष्टमी
  • 25 मार्च 2025 – पापमोचिनी एकादशी
  • 27 मार्च 2025 – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
  • 29 मार्च 2025 – सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या
  • 30 मार्च 2025 – गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि प्रारंभ
  • 31 मार्च 2025 – गणगौर
  • 06 अप्रैल 2025 – रामनवमी
  • 12 अप्रैल 2025 – चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती
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चैत्र मास आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ देने वाला समय होता है। इस दौरान नियम और संयम का पालन करने से जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा बनी रहती है।

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