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शनिवार का महासंयोग: आज शनि प्रदोष व्रत और शनि त्रयोदशी एक साथ, शनि दोष और कष्टों से मुक्ति पाने का दुर्लभ अवसर, जानिए 24 मई 2025 का शुभ मुहूर्त, उपाय और पंचांग

धर्म डेस्क, 24 मई 2025

आज शनिवार, 24 मई 2025 को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन एक दुर्लभ संयोग बन रहा है, क्योंकि शनिवार को प्रदोष व्रत और शनि त्रयोदशी का योग बना है। ऐसे संयोग में किए गए पूजन, व्रत और दान के विशेष फल प्राप्त होते हैं।

आज शनि की साढ़े साती, ढैय्या या महादशा से प्रभावित जातकों के लिए विशेष उपायों का दिन है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यदि व्यक्ति शनि देव की कृपा प्राप्त करना चाहता है तो उन्हें सरसों के तेल से शनि प्रतिमा का अभिषेक करना चाहिए और शनि मंदिर में दीपदान करें। इसके साथ ही गरीबों, मजदूरों, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को भोजन, वस्त्र, काले तिल, काली दाल, कंबल आदि का दान करना विशेष फलदायक रहेगा।

प्रदोष व्रत का संयोग होने के कारण आज भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का भी विशेष महत्व है। त्रयोदशी तिथि का आरंभ आज शाम 07:20 बजे से हो रहा है, जो कल 25 मई को दोपहर 03:51 बजे तक रहेगी। मान्यता है कि इस व्रत से शिव कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।

आज का पंचांग (24 मई 2025)

  • वार: शनिवार
  • मास: ज्येष्ठ (कृष्ण पक्ष)
  • तिथि: द्वादशी शाम 07:20 बजे तक, फिर त्रयोदशी
  • नक्षत्र: रेवती दोपहर 01:48 बजे तक
  • योग: आयुष्मान दोपहर 03:01 बजे तक
  • करण: कौलव सुबह 08:57 बजे तक, फिर तैतिल
  • सूर्योदय: 05:26 AM
  • सूर्यास्त: 07:10 PM
  • चंद्रोदय: 25 मई को 03:30 AM
  • चंद्रास्त: 25 मई को 04:11 PM

शुभ मुहूर्त:

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:51 AM से 12:46 PM तक
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अशुभ समय

  • राहुकाल: 08:52 AM से 10:35 AM तक
  • गुलिक काल: 05:26 AM से 07:09 AM तक
  • यमगंडा: 02:01 PM से 03:44 PM तक

नक्षत्र विशेष

आज चंद्रमा रेवती नक्षत्र में गोचर करेगा। इस नक्षत्र में जन्मे लोग चतुर, अध्ययनशील, ईमानदार, सुंदर व्यक्तित्व वाले और नियमप्रिय होते हैं। यह नक्षत्र बुध ग्रह के अधिपत्य में आता है और इसका प्रतीक मछली है, जबकि देवता पूषण माने जाते हैं।

निष्कर्ष

आज का दिन शिव और शनि दोनों की कृपा पाने का उत्तम अवसर है। श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत, पूजा व दान करने से जीवन की अनेक बाधाएं दूर हो सकती हैं।

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