प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 28 मई 2025
बस्तर जिला अब नक्सलवाद से मुक्त हो गया है। दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर जिले को भी लेफ्ट विंग एक्स्ट्रिमिज्म (एलडब्ल्यूई) जिलों की सूची से बाहर कर दिया है। हालांकि इसे लेकर अब तक केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) से अधिकृत घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इस साल अप्रैल से शुरू होने वाले नई वित्त वर्ष से एलडब्ल्यूई के तहत बस्तर जिले को मिलने वाली केंद्रीय मदद को भी बंद कर दिया गया है।
बस्तर कलेक्टर हरीश एस. ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर जिले को एलडब्ल्यूई जिलों की सूची से बाहर कर दिया है और अप्रैल 2025 से एलडब्ल्यूई के तहत मिलने वाला ग्रांट भी बंद कर दिया है। ऐसे में अब बस्तर जिला एलडब्ल्यूई से निकल कर लेगसी डिस्ट्रिक्ट के रूप में स्थापित हो चुका है।
बस्तर जिले को मिलने वाली राशि पर भी रोक
एलडब्ल्यूई के तहत केंद्र सरकार से बस्तर जिले में विकास कार्यों व नक्सल उन्मूलन के लिए करोड़ों रूपए का फंड जारी किया जाता था। मार्च 2025 तक बस्तर जिले को ये राशि जारी की गई, लेकिन अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार ने एलडब्ल्यूई फंड पर रोक लगा दी है।
बस्तर जिले को मिलने वाली राशि पर भी रोक
एलडब्ल्यूई के तहत केंद्र सरकार से बस्तर जिले में विकास कार्यों व नक्सल उन्मूलन के लिए करोड़ों रूपए का फंड जारी किया जाता था। मार्च 2025 तक बस्तर जिले को ये राशि जारी की गई, लेकिन अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार ने एलडब्ल्यूई फंड पर रोक लगा दी है।
संभाग के 7 में से 2 जिले नक्सलमुक्त हो चुके
बस्तर संभाग में 7 जिले हैं, जिनमें बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कोंडागांव व कांकेर शामिल हैं। इस साल छत्तीसगढ़ के तीन और जिले, राजनांदगांव, कवर्धा और खैरागढ़ छुईखदान गंडई को केंद्र की एलडब्ल्यूई की सूची से बाहर कर दिया गया।