प्रमोद मिश्रा
कोरबा, 29 दिसंबर 2020
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कच्ची शराब पीने से 2 लोगों की मै हो गई है वहीं एक व्यक्ति का इलाज जारी है । आप बता दे कि यह पूरा मामला कोरबा जिले का है । जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के गुरसियां गांव की यह घटना है। यहां निवासरत बहादुर लाल कंवर के घर नवजात शिशु (पोता) के जन्म पर रविवार की शाम को छट्ठी समारोह का आयोजन किया गया था। बताया जा रहा है कि समारोह में शामिल हुए समाज के लोगों के अलावा परिचितों के लिए शराब की व्यवस्था की गई थी।
गुरसियां के ही झरियामुड़ा मोहल्ले में अवैध रूप से कच्ची शराब बेचने वाले से खरीदे गए शराब को समारोह में उपयोग किया गया। भोजन बनाने के लिए गांव के ही रसोइया साधुराम गोड़ 55 वर्ष समेत छह लोग को काम दिया गया था। देर शाम करीब 7.30 बजे सभी ने शराब पिया। दो घंटे के अंदर रसोइया साधुराम गोड़, राजकुमार कुंभकार 28 वर्ष व इतवार कुंभकार की तबियत बिगड़ गई।
साधुराम ने समारोह स्थल में ही दम तोड़ दिया। आनन- फानन में सभी को रात 9.30 बजे पोड़ी उपरोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां चिकित्सकों ने परीक्षण उपरांत साधुराम को मृत घोषित कर दिया। इलाज के दौरान राजकुमार ने भी दम तोड़ दिया। गंभीर अवस्था में इतवार को जिला अस्पताल भेजा गया। यहां से कोसाबाड़ी स्थित एक निजी अस्पताल में उसे रेफर कर दिया गया, जहां चिकित्सकों ने उसकी स्थिति चिंताजनक बताई है।
निजी अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि इतवार के हाथ पैर नीले पड़ गए हैं। जहरखुरानी के मामले की तरह लक्षण मिले हैं। बांगो पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया है। उधर बांगो पुलिस ने अवैध रूप से शराब बेचने का मामला दर्ज कर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पीएम रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं होता कारण
क्या सचमुच शराब जहरीली थी। इस बात की जांच के लिए बचे हुए कच्ची शराब का सैंपल लेकर लैब में परीक्षण के लिए भेजने की आवश्यकता है। इस तरह की मौत के मामले में अब तक यह देखा गया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सक मौत की वजह स्पष्ट नहीं कर पाते। कारण अस्पष्ट होने की बात कह बिसरा प्रिजर्व कर रसायन परीक्षण के लिए भेज दिया जाता है। इसकी रिपोर्ट महीनों बाद आती है, तब तक मामला ठंडा पड़ चुका होता है।
नशा बढ़ाने मिलाते हैं यूरिया व बेशरम
यहां बताना लाजिमी होगा कि कच्ची शराब तैयार करने के वक्त महुआ के अलावा यूरिया व बेशरम पेड़ का जड़ भी मिलाया जाता है। अधिक नशा हो, इसलिए यह उपक्रम करते हैं। कई बार इन जहरीली चीजों की मात्रा अधिक हो जाती है और शराब जहरीली हो जाती है। इसके पहले भी कच्ची शराब से मौत कई घटना हो चुकी है। गंभीर बात यह है कि एक भी मामले में ठोस कार्रवाई नहीं की गई, इस वजह से अवैध शराब विक्रेताओं के हौसले बुलंद हैं।
कच्ची शराब पीने से दो लोगों की मौत हुई है। एक की हालत गंभीर है। मामले की जांच की जा रही। अवैध रूप से शराब बेचने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। मौत किस वजह से हुई है, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद स्पष्ट होगा।
-कीर्तन राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कोरबा