धनेश्वर बंटी सिन्हा
धमतरी 18 जून 2011
आगामी मानसून को देखते हुए संभावित जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए कलेक्टर पीएस एल्मा ने आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश आयुक्त नगर निगम को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि दूषित पेयजल के सेवन से विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। ऐसी बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक सतर्कता एवं सावधानियां बरतना बेहद आवश्यक हो गया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन से जारी निर्देश के हवाले से उन्होंने निर्देशित किया है कि जल प्रदाय के लिए निर्मित पानी टंकी का साल में कम से कम दो बार सफाई कराने व टंकियों पर सफाई की तिथि अनिवार्य रूप से अंकित कराएं। जल प्रदाय के लिए बिछाई गई पाइपलाइन में यदि लीकेज या टूट-फूट होती है तो उसका सुधार तत्काल कराएं। सार्वजनिक नलों व हैण्डपम्पों के आसपास पर्याप्त सफाई रखें। कलेक्टर ने यह भी कहा है कि हैण्डपम्पों के जल को कीटाणुरहित करने के लिए ब्लीचिंग पावडर का घोल या सोडियम हाइपोक्लोराइट निर्धारित मात्रा में डालें तथा अभियान चलाकर लोगों को शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल का उपयोग करने की अपील करें। जब भी कोई नवीन हैण्डपम्प स्थापित किया जाता है तो उसके संधारण के लिए सूचीबद्ध करने के भी निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं। इसके अलावा विभाग ने सतही स्त्रोत एवं नलकूपों पर आधारित पेयजल योजनाओं, स्थल पर नलकूपों या हैण्डपम्पों के माध्यम से जलप्रदाय के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किए हैं। साथ ही पेयजल की कोलीफार्म बैक्टीरिया के लिए वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट, स्टोरेज टंकी व घरों से सैम्पल लेकर लैब टेस्टिंग अनिवार्य रूप से करने के भी निर्देश आयुक्त नगर निगम तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिए गए हैं। इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर 15 दिनों के भीतर अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं।