यूजीसी मापदंड अनुसार वेतन दिलवाने की मांग :अतिथि व्याख्याता संघ छत्तीसगढ़ ने केंद्रीय राज्य मंत्री को सौंपा ज्ञापन…अपनी समस्याओं से कराया अवगत

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भूपेश टांडिया

सूरजपुर/रायपुर 7 सितंबर 2021

 

 

 

अतिथि व्याख्याता संघ छत्तीसगढ़ के राज्य समन्वयक भानु आहिरे एवं जिला पदाधिकारियों ने केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता से भेंट कर अपनी समस्याओं के अवगत कराया है, तथा हस्तक्षेप की मांग रखी है। ज्ञात हो कि प्रदेश भर के अतिथि व्याख्याताओं को 31 अगस्त 2021 को कार्यमुक्त कर दिया गया है। अतिथि व्याख्याताओं को दिहाड़ी वेतन 800₹   सीलिंग के तहत 2011-12 से ही दिया जा रहा है, तथा आज दिनांक तक इसमें कोई भी पुनरीक्षण नहीं किया गया ह।

भारत के अन्य राज्य जैसे बिहार, झारखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, महाराष्ट्र में यूजीसी मापदंड के अनुसार ही वेतन दिया जा रहा है। केवल स्नातकोत्तर व्याख्याता को 1000₹ प्रति दिन, नेट सेट पीएचडी डिग्री धारक को 1500₹ की राशि भुगतान की जा रही है।
विगत 8 वर्षो में महंगाई बढ़ी है अतिथि व्याख्याता अपने व आश्रितों का पालन पोषण इसी मान देय से करते हैं, यूजीसी हमारे वेतन का 70से 80% खर्च वहन करती है, और हमें 20% पूर्ण राशि नही दी जा रही है।

भानु अहिरे ने बताया कि अतिथि व्याख्याता सितंबर से फरवरी माह तक की सेवा में रखे जाते हैं, और 11 माह का पाठ्यक्रम केवल 5 माह में पूर्ण करते हैं, जिससे पढ़ाई का दबाव बढ़ जाता है, पी जी कक्षाओं की पढ़ाई चालू है और अतिथि व्याख्याताओं को सेवामुक्त कर दिया गया है छात्र-छात्राओं का पढ़ाई शिक्षकों के आभाव में ठप्प है। सौभाग्यवस नियमित प्राध्यापकों के विषय के विरुद्ध अतिथि व्याखाताओं का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहता है इसका प्रमाण छत्तीसगढ़ राज्य का हर एक नियमित छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम है।
विगत तीन चार वर्षो से अतिथि व्याख्याता संघ, छत्तीसगढ़ सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखता आया है, और जन चौपाल में मुख्य मंत्री जी से भी 4 -5 बार मुलाकात हुई है, फिर भी सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
हेमेंद्र सेन ने राज्य मंत्री महोदया से मांग की है कि वे इस मामले पर हस्तक्षेप करें तथा संघ का प्रस्ताव यह है कि यदि हमारे लिए आबंटित यूजीसी फंड को नहीं दिया जाता है तो आप केंद्रीय सरकार से फंड रुकवाकर सरकारी कमीशन खोरी को बंद करवाएं। अतिथि व्याख्याता संघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के पांच संभागों में कार्यरत है, और शीघ्र ही सौतेले व्यौहार के विरुद्ध चरण बद्ध आंदोलन करने हेतु मजबूर हो चुका है।
संगठन को रेणुका सिंह द्वारा सकारात्मक आश्वाशन दिया गया है।
इस अवसर पर राज्य समन्वयक के साथ सूरजपुर जिले से दिव्यदित्या सिन्हा, यशवंत सिंह, अरूण गुप्ता, मयंक तिवारी आदि उपस्थित थे।

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