केंद्र सरकार को कोसने छत्तीसगढ़ आ रहे टिकैत जी, देखिये..यहाँ 10 साल बाद भी नहीं मिली मुआवजा राशि, तो नाराज किसान पुल पर बैठकर कर हैं चक्काजाम

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सवाल ये है कि केंद्र सरकार द्वारा लाये गये कृषि कानून का विरोध करने वाले कथित किसान नेता छत्तीसगढ़ में अपनी मांगों को लेकर सुबह से पुल पर बैठे किसानों के बारे में भी कुछ बोलेंगे या नहीं?

प्रमोद मिश्रा

गरियाबंद, 28 सितंबर 2021

 

 

 

 

छत्तीसगढ़ के देवभोग में सेतु निर्माण विभाग द्वारा 10 साल पहले कुम्हड़ईखुर्द और कुम्हड़ईकला के 28 किसानों की जमीन अधिग्रहित कर तेल नदी पर पुल निर्माण किया गया था। वहीं जमीन अधिग्रहण के दौरान पहली किस्त 13 मार्च 2015 को किसानों को मिल गईं थी। जबकि दूसरी क़िस्त की एरियर्स राशि अब तक नहीं मिल पाई है। किसान सम्पूर्णचंद्र पात्र, उपेंद्र यादव,भोजो और संभु का कहना हैं कि पिछले पांच साल से किसान मुवावजा राशि पाने के लिए भटक रहे हैं। किसानों के मुताबिक 3 वर्ष पहले से एसडीएम देवभोग के खाते में 63 लाख 25 हजार 74 रुपये जमा हैं। वहीं किसानों के मुताबिक वे जमा राशि देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उच्च स्तर से मार्गदर्शन लेने की बात कहते हुए उचित जवाब नहीं दे पा रहे हैं। वहीं मुआवजा नहीं मिल पाने के चलते किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। ऐसे में नाराज किसानों ने आज सुबह तेल नदी के पुल पर पहुँचकर चक्काजाम करते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। किसानों का साफ तौर पर कहना हैं कि जब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुँचकर ठोस जवाब नहीं देगा तब तक धरना जारी रहेगा।

6 किसानों की हो चुकी है मौत

तेल नदी के पुल पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया की मुवावजा राशि की दूसरी क़िस्त पाने के लिए किसान 5 सालों से जिला से लेकर एसडीएम दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर हो गए हैं। वहीं इस दौरान 28 में से 6 किसानों की मृत्यु भी हो चुकी हैं। नाराज किसानों ने कहा कि दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते बहुत ज्यादा परेशान हो चुके हैं।

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पहली किस्त के रूप में इतनी राशि का हुआ हैं भुगतान यहां बताना लाज़मी होगा कि पुराने अधिनियम के तहत 2014 में अवार्ड पारित करते हुए कुम्हड़ईकला को 4 लाख 51 हजार 540 रुपये और कुम्हड़ई खुर्द को 2 लाख 45 हजार 846 रुपये का अवार्ड पारित भुगतान हुआ था।

धरने पर बैठे किसान

 

केंद्र पे निशाना बनाने वाले राज्य पर बोलेंगे या नहीं?

छत्तीसगढ़ के राज्य में आज किसान महापंचायत लगने वाली है। जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत समेत अनेक कथित किसान नेता सम्मिलित होने वाले हैं। ऐसे में यह सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या केंद्र सरकार द्वारा लाये गये कृषि कानून का विरोध करने वाले कथित किसान नेता छत्तीसगढ़ में अपनी मांगों को लेकर सुबह से पुल पर बैठे किसानों के बारे में भी कुछ बोलेंगे या नहीं?

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