गोपीकृष्ण साहू, 15 मई 2022
उदयपुर:- कांग्रेस के उदयपुर में चल रहे चिंतन शिविर में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई है उनमें एक मुद्दा बेहस खास रहा है। ये मुद्दा ईवीएम का था। दरअसल, इस वर्ष पांच राज्यों के चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद इसके कारणों को जानने के लिए जो मंथन किया गया उसके केंद्र में ईवीएम को भी रखा गया है।
इस चर्चा में ये जानने की कोशिश की गई कि क्या ईवीएम को हैक किया जा सकता है। इस चिंतन शिविर में एक प्रजेंटेशन भी दिखाई गई।
इस प्रजेंटेशन में उन तथ्यों को उजागर किया गया जिससे ईवीएम को हैक किया जा सकता है और एकतरफा जीत दर्ज की जा सकती है। बता दें कि विपक्ष पहले भी ईवीएम को लेकर सवाल उठा चुका है। यहां पर आपको बता दें कि ये चिंतन शिविर खासतौर पर हाल के कुछ समय में पार्टी की कम होती सीटों के मद्देनजर ही आयोजित किया गया है। इस शिविर के अंत में पार्टी कई बड़े बदलावों पर अपनी अंतिम मुहर भी लगा सकती है। यही वजह है कि कांग्रेस ने इसको नव संकल्प शिविर का नाम दिया है।
इस शिविर में पार्टी ने उन बिंदुओं पर भी विचार किया है जिससे वो अपना खोया हुआ जनाधार दोबारा हासिल कर सकती है। इसके लिए जो रोड़मैप तैयार किया गया है उसको अंतिम रूप पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को देना है। इस शिविर में जिन मसौदों पर चर्चा के बाद सहमति बनी है उन्हें भी कमेटी में चर्चा के बाद सोनिया गांधी ही अंतिम मंजूरी भी देंगी। हालांकि सोनिया गांधी ने ये पहले ही साफ कर दिया है कि वो अब पार्टी में बदलाव की हिमायती हैं। ये बदलाव संगठन में नीचे से ऊपर तक किए जाएंगे। पार्टी की तरफ से ये भी कहा गया है कि भविष्य में पार्टी उन विकल्पों को भी आजमाने से पीछे नहीं हटेगी जिनको अब तक नहीं अपनाया गया है।
इस चिंतन शिविर के पहले ही दिन पार्टी नेता अजय माकन ने साफ कर दिया था कि जल्द ही पार्टी अपने में बड़े बदलावों के साथ दिखाई देगी। उन्होंने ये भी कहा था कि पार्टी अब बूथ स्तर से ही इस सुधार को शुरू करेगी। तीन दिन चले इस चिंतन शिविर में कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। इन पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी में चर्चा होगी और उसके बाद ये लागू किए जाएंगे। बता दें कि इस चिंतन शिविर में करीब 430 नेताओं ने हिस्सा लिया है। इस शिविर को राहुल गांधी भी संबोधित करेंगे।