प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 02 मार्च 2023
विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन आज सदन में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा उठा । भाजपा के विधायक रजनीश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि कांग्रेस के द्वारा जारी किए गए जन घोषणा पत्र 2018 में अनियमित, दैनिक वेतन, संविदा कर्मियों को नियमित करने की घोषणा की गई थी? साथ ही सवाल किया कि विभाग में उक्त संवर्ग के कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कितने कर्मचारियों को जनवरी 2019 के पश्चात नियमित किया गया तथा कितने को किया जाना शेष है? वह कब तक नियमित किया जाएगा ।
रजनीश सिंह ने सवाल किया कि क्या यह सही है कि इन कर्मचारियों को नियमित करने सरकार के द्वारा उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है? यदि हां तो कब इस समिति की किन-किन संस्था को विभाग के द्वारा स्वीकार कर उस पर क्या कार्रवाई की गई?, विभाग द्वारा उक्त संवर्ग के कितने कर्मचारियों के पीएफ, ईएसआईसी की कटौती की जा रही है और कितनों की नहीं की जा रही है व क्यों?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल का जवाब देते हुए बताया कि अनियमित कर्मचारियों, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में शासन द्वारा समिति का गठन किया गया है । सामान्य प्रशासन विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत अनियमित, दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारियों की कुल संख्या 96 है और सेवानिवृत्ति पश्चात् 10 कर्मचारियों को संविदा पर रखा गया है ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वीकार किया कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता समिति की बैठक की गई है । समिति की प्रथम बैठक दिनांक 9 जनवरी 2020 को आहूत की गई थी, जिसमें समिति द्वारा निर्णय लिए गए निर्णय अनुसार शासन के समस्त विभाग से अनियमित, दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी चाही गई है । शासन के 38 विभाग से जानकारी प्राप्त हुई है एवं 08 विभागों से जानकारी अप्राप्त है ।
समिति की अनुशंसा अनुसार अनियमित, दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विधि एवं विधाई कार्य विभाग से अभिमत चाहा गया है । विधि विभाग द्वारा उक्त के संबंध में महाधिवक्ता का अभिमत चाहा गया है । मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि समिति की दूसरी बैठक दिनांक 16 अगस्त 2022 को आहूत की गई थी, जिसमें समिति द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार पांच बिंदुओं पर समस्त विभाग से जानकारी चाही गई है –
1. विभागों में पदस्थ अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवम संविदा पर कार्यरत कर्मचारी क्या खुले विज्ञापन/भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त हुए हैं?
2. क्या कार्यरत कर्मचारी उक्त पद की निर्धारित शैक्षणिक/तकनीकी योग्यता रखते हैं?
3. कार्यरत कर्मचारी जिस पदपर कार्य कर रहा है क्या वह पद संबंधित विभाग के पद – सरंचना/भर्ती नियम में स्वीकृत है?
4. क्या उक्त नियुक्ति में शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों का पालन किया गया है?
5. अनियमित दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा पर कार्यरत व्यक्ति जिस पद पर कार्यरत हैं, उन्हें वर्तमान में क्या मानदेय भुगतान किया जा रहा है तथा उन नियमित पदों का वेतनमान क्या है?
मुख्यमंत्री ने जानकारी देते बताया कि 24 विभागों से जानकारी प्राप्त हुई है एवं शेष 22 विभागों से जानकारी अप्राप्त है । शासन स्तर पर अनियमित दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किए जाने हेतु विधिवत नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है साथ ही दैनिक वेतन भोगी, संविदा, अंशकालीन (कलेक्टर दर) में कार्यरत कर्मचारियों को ईपीएफ एवं ईएसआईसी की कटौती का प्रावधान नहीं होने के कारण कटौती नहीं की जा रही है ।