प्रमोद मिश्रा,
दंतेवाड़ा, 30 अप्रैल 2023
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार दोपहर हुए हमले को लेकर नक्सलियों ने फिर एक और बयान जारी किया है। इस बार नक्सलियों ने कहा है कि जवानों ने 17 ग्रामीणों को पीटा था, अंधाधुंड फायरिंग की थी। बेवजह गिरफ्तारियां की। इसके विरोध में हमला किया। जिसमें 10 जवानों की मौत हुई और ड्राइवर मारा गया। कहा कि, यही जवान हमले से एक दिन पहले हमारे PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) के साथियों को निशाना बनाने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान सर्चिंग के नाम पर ग्रामीणों को प्रताड़ित किया था।
बोले- माओवाद उन्मूलन की केंद्र ने बनाई है रणनीति
नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता समता की ओर से यह बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि, पिछले साल अक्तूबर में मध्य प्रदेश के सूरजकुंड में केंद्रीय गृह मंत्रालय के नेतृत्व में चिंतन शिविर चलाया गया। इसमें माओवादी आंदोलन के जल्द उन्मूलन का निर्णय लिया गया। नवंबर में आईबी ने अफसरों के साथ मीटिंग की और हमलों में तेजी लाए। जनवरी में हुए इस हमले में पीएलजीए कमांडर उंगी मारा गया था। स्पेशल कमांडोज, अलग-अलग फोर्स को बस्तर में उतार दिया गया।
पुलिसकर्मियों से कहा- नौकरी छोड़, दूसरी ढूंढ लो
नक्सलियों ने कहा कि समाधान दमन योजना के तहत किए जा रहे इन पाशविक हमलों से बचने और उन्हें विफल के लिए अरनपुर एंबुश कार्रवाई को अंजाम देना अनिवार्य था। नक्सलियों ने पुलिसकर्मियों से भी अपील की है। सरकार के हाथ की कठपुतली बन बनें। पुलिस की नौकरी छोड़ दीजिए। और भी विभागों में कई पद खाली हैं, वहां भर्ती हो जाएं। सभी विभागों में लाखों पद खाल है, लेकिन सरकार ने वहां भर्ती करना छोड़ दिया है। इसलिए आप लोग मजबूरन यहां काम कर रहे हैं।
PLGA ने ली है ब्लास्ट की जिम्मेदारी
दंतेवाड़ा में हुए हमले की जिम्मेदारी नक्सलियों की दरभा डिवीजन कमेटी ने ली है। वारदात को संगठन के PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) ने अंजाम दिया था। इसे लेकर दरभा डिविज़न के सचिव साइनाथ ने 27 अप्रैल को प्रेस नोट जारी किया था। इसमें कहा कि अरनपुर हमला सरकारों की ओर से उनके ऊपर की जा रही कार्रवाई का जवाब है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले हमारे उन्मूलन की बात कही थी