प्रमोद मिश्रा
मांढर/धरसीवां, 27 मई 2023
धरसींवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मांढर में आज राज्य सरकार की शराबबंदी पर वादाखिलाफी के विरोध में भाजपा द्वारा सभा का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने इकठ्ठा होकर शराबबंदी पर वादाखिलाफी के विरोध में निंदा प्रस्ताव पारित किया। इस सम्मेलन में भारी संख्या में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराकर इस आयोजन का पूर्ण समर्थन किया। धरसींवा विधानसभा क्षेत्र का यह सभा विधानसभा स्तर पर होनेवाला राज्य का अब तक का भाजपा का सबसे बड़ा सम्मेलन माना जा रहा है जिसमें केवल महिलाओं की संख्या 5000 से अधिक रही।
इस सम्मेलन में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, संगठन महामंत्री पवन साय, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत के साथ ही भाजपा के विभिन्न मोर्चा संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
*’नकली शराब से मचा हाहाकार’*
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि शराबबंदी का झूठा वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के शासन में 40 प्रतिशत शराब नकली बिक रहा है, इससे लोगों कई बीमारियां हो रही हैं, पूरे राज्य में स्थिति खराब है। भाजपा नेताओं ने दोहराया कि भाजपा आने वाले दिनों में शराबबंदी की दिशा में बड़ा कदम उठाएगी।
शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार को घेरने आयोजित इस सम्मेलन में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि झूठा वादा करके भूपेश बघेल सरकार में आ गई। उन्होने कहा कि गंगाजल लेकर कसम खाकर कांग्रेस ने एक हफ्ते में शराबबंदी करने की बात कही थी, पर शराबबंदी तो नहीं हुई, बल्कि अब तो घर घर शराब पहुंच रही है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने भाजपा शासनकाल के एक रुपया किलो चावल समेत अनेक योजनाओं का उल्लेख किया। साथ ही कहा कि अब कई योजनाएं बंद हो गई हैं, जिसे भाजपा आने वाले दिनों में सत्ता में आकर पुनः उन योजनाओं को प्रारम्भ करेगी। डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि शराब से महिलाएं परेशान हैं, आज सब जगह शराब मिल रहा है। शराब पीने वाला भी परेशान है। शराब की कीमत 70 प्रतिशत बढ़ गई है।
सभा में बार बार पूर्व CM ने किया जीएस मिश्रा का जिक्र
माना जा रहा है की भाजपा रणनीति के तहत ऐसे ज़मीनी सभाओं के माध्यम से दो हज़ार करोड़ के शराब घोटाले की जानकारी आम जन तक पहुँचाने के मूड में है। चुनावी मोड में आ चुकी भाजपा लगातार नये प्रयोग कर रही है। पूर्व आईएएस और अब भाजपा नेता गणेश शंकर मिश्रा लंबे समय तक आबकारी आयुक्त रहे हैं और विषय पर अच्छी पकड़ रखते हैं। ऐसे में उनका ज़मीनी स्तर पर उपयोग कर भाजपा उनके सब्जेक्ट नॉलेज को उपयोग कर रही है, ऐसा प्रतीत हो रहा है।
गौरतलब है की भाजपा शासनकाल में मद्यनिषेध की योजना बनाई गई थी। जिसके अंतर्गत राज्यभर में 400 से अधिक गौरव ग्रामों में शराब दुकानों को बंद करवाया गया था और ग्राम पंचायत स्तर पर अभियान चलाकर भारत माता वाहिनी नामक महिला समूह द्वारा घर-घर जाकर लोगों को शराब त्यागने प्रतिज्ञा दिलाई जाती थी। इसी अभियान के सूत्रधार मिश्रा ही थे। मांढर में हुए इस सभा को भाजपा का शीर्ष नेतृत्व द्वारा मद्यनिषेध की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अपनी ज़मीन तैयार करने की तरफ़ एक रणनीतिक कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है। अपने संबोधन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने भाजपा की भावी बड़ी योजनाओं और वादों के लिहाज़ से शराबबंदी का जिक्र किया, साथ ही इस आयोजन के संयोजक रहे गणेश शंकर मिश्रा के शराबबंदी को लेकर किए जा चुके प्रयासों का उल्लेख किया।
शराबबंदी की दिशा में बढ़ेगी BJP
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए इस सम्मेलन के संयोजक पूर्व आईएएस और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि उनके आबकारी आयुक्त रहने के दौरान उन्होंने भाजपा शासनकाल में आंशिक मद्यनिषेध की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने कहा कि समाज में शराब कोढ़ के रुप में है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा शराबबंदी को लेकर कोई बड़ा निर्णय चुनाव के हिसाब से शराबबंदी को लेकर आगामी दिनों में ले सकती है।
धरसींवा क्षेत्र के रहनेवाले मिश्रा के “जय जय श्री राम” की रही चर्चापू
पूर्व आईएएस और अब भाजपा के नेता बन चुके गणेश शंकर मिश्रा धरसींवा क्षेत्र के मूरा ग्राम के रहनेवाले हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन में जय जय श्री राम का नारा लगवाया और कहा कि हम तो राम के मानने वाले हैं और राम काज करने आये हैं। ग़ौरतलब है कि मिश्रा एक तेज़-तर्रार अधिकारी रहे हैं और चुनौतीपूर्ण कार्य हाथ में लेने आले अफ़सर के तौर पर उन्हें देखा जाता है। जब वे आयुक्त आबकारी थे तब शराब ठेकेदारों में उनका ख़ौफ़ जगज़ाहिर था, अच्छे- अच्छे शराब ठेकेदार उनसे मिलने का साहस नहीं जुटा पाते थे। आबकारी विभाग में कार्यरत कुछ अधिकारी भी दबी ज़बान से स्वीकारते हैं कि मिश्रा जब आयुक्त रहे तब आबकारी विभाग का ज़लज़ला हुआ करता था, आज तो ठेकेदारों की ही जी हुज़ूरी करनी पड़ती हैं।