क्या कहता है कसडोल विधानसभा का गणित? : कांग्रेस में दावेदारों की भीड़ से मतदाता भी उलझन में, 48 हजार की जीत के बावजूद क्यों हो रही मौजूदा विधायक की टिकट कटने की बात, माजरा क्या है…?

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प्रमोद मिश्रा

कसडोल/रायपुर, 14 जून 2023

छत्तीसगढ़ के कसडोल विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस अपने विरोधी पार्टियों से ज्यादा अपने ही अंदर उलझी हुई नजर आ रही है । विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 44 में इस बार दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है । कई नेता तो अपने आपको अभी से दावेदार समझ रहे हैं, तो कई नेता अपने आपको दावेदार से एक कदम आगे चलकर विधायक भी मानने लगे हैं । लेकिन सपना किसका पूरा होगा, ये तो दिसंबर का महीना ही बताएगा । कसडोल विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के दावेदारों की लिस्ट देखकर कार्यकर्ता और जनता दोनों काफी कन्फ्यूजन की स्थिति में है । आपको बताते चलें कि इस विधानसभा सीट में वर्तमान में कांग्रेस पार्टी की ही विधायक शकुंतला साहू काबिज है, बावजूद इसके पार्टी के कई नेता अपने आपको दावेदार मानकर विधायक से अलग प्रचार में लगे हैं । ऐसे में लगता है कि इस बार कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर काफी उठापठक की स्थिति रहने वाली है ।

 

 

 

2018 के विधानसभा चुनाव में क्या हुआ?

इस बीच यह बताना जरूरी है कि जब 2018 में विधानसभा का चुनाव हुआ, तब शकुंतला साहू को 48418 वोटों से बड़ी जीत मिली । इस जीत ने एक छोटे से गांव में रहने वाली लड़की का सपना पूरा कर दिया और सभी राजनीतिक पंडितों को फेल कर शकुंतला साहू बड़े चेहरे को हराकर विधानसभा पहुंच गई । पार्टी ने भी शकुंतला को भी जीत का इनाम दिया और संसदीय सचिव के पद से नवाजा । शकुंतला साहू ने बीजेपी के बड़े नेता और तत्कालीन विधानसभा के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को बड़े वोटों के अंतर से परास्त कर यह साफ कर दिया की राजनीति के मैदान में वो नई जरूर है, लेकिन किसी से कम बिल्कुल भी नहीं है ।

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कांग्रेस के अंदर ही दावेदारों की लंबी लिस्ट की क्या है वजह?

कांग्रेस के अंदर ही इस विधानसभा सीट से दावेदारों की इतनी लंबी लिस्ट है कि लगता है कि आने वाले चुनाव के वक्त अगर सामंजस्य नहीं बनाया गया तो बड़ा नुकसान पार्टी को चुनाव के समय उठाना पड़ सकता है । राजनीति के जानकर और कसडोल विधानसभा को बारीकी से अध्ययन करने वाले बताते हैं कि एक छोटे से गांव की रहने वाली शकुंतला साहू ने जब बीजेपी के दिग्गज नेता को शिकस्त दी, तो कांग्रेस के नेताओं को लगने लगा कि जब एक छोटे से गांव की रहने वाली लड़की विधायक बन सकती है, तो वो भी विधायक जरूर बन सकते हैं ।

कांग्रेस के अंदर कौन – कौन दावेदार?

कसडोल विधानसभा में कांग्रेस के अंदर ही दावेदारों की लंबी लिस्ट है । दरअसल, कसडोल विधानसभा तीन खंडों में विभाजित है कसडोल, लवन और पलारी । ऐसे में पार्टी उसे टिकट देना चाहिए, जिसकी धमक तीनों विधानसभा में हो । अगर पलारी से दावेदारों की शुरुआत करेंगे तो पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गोपी साहू, रोहित साहू और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हितेंद्र ठाकर भी शामिल है ।

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